बेरूत: लेबनान के राष्ट्रपति संकट में घिरे देश के लिए नया प्रधानमंत्री नामित करने को लेकर संसदीय गुटों के प्रमुखों के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं जहां एक राजनयिक को सोमवार को इस पद के लिए नामित किए जाने की पूरी संभावना है.
जर्मनी के लिए लेबनान के राजदूत, मुस्तफा आबिद को प्रधानमंत्री पद के लिए नामित किए जाने और अपने ही सुन्नी मुस्लिम समुदाय से वरिष्ठ नेताओं के अहम सहयोग समेत विभिन्न बड़े दलों का समर्थन जीतने के बाद उनको नयी सरकार बनाने के लिए कहे जाने की उम्मीद है.
ये विचार-विमर्श फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के यहां दो दिन की यात्रा पर आने से कुछ घंटों पहले किया जा रहा है. समझा जाता है कि इस यात्रा के दौरान मैक्रों देश को विभिन्न संकटों से बाहर निकालने और इस महीने की शुरुआत में बेरूत में हुए विनाशकारी विस्फोट के मद्देनजर उत्पन्न हुए राजनीतिक गतिरोध को दूर करने के लिए लेबनानी अधिकारियों पर नया राजनीतिक समझौता तैयार करने के लिए जोर डाल सकते हैं.
मैक्रों का, पूर्व में फ्रांस संरक्षित राज्य का यह एक महीने से भी कम वक्त में दूसरा दौरा है. इससे पहले उन्होंने बेरूत के बंदरगाह पर चार अगस्त को हुए विनाशकारी विस्फोट के कुछ दिनों बाद यहां की यात्रा की थी. इस घटना में 190 लोगों की मौत हो गई थी, 6,000 लोग घायल हो गए थे और राजधानी के बड़े हिस्सों में आवासीय एवं वाणिज्यिक इलाके क्षतिग्रस्त हो गए थे.
विस्फोट के एक हफ्ते के भीतर ही सरकार ने इस्तीफा दे दिया था.
मैक्रों और विश्व के अन्य नेताओं के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने लेबनान को तब तक किसी तरह की सहायता देने से इनकार कर दिया है जब तक कि उसके नेता बड़े सुधार लागू नहीं करते.
आदिब के नाम पर तेजी से बनी सहमति लगातार विकट हो रहे आर्थिक संकट को रोकने की कोशिश और मैक्रों की यात्रा से पहले समाधान निकालने की लेबनान के पारंपरिक नेताओं की तत्कालिकता की ओर संकेत करती है.