कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रशासन की राज्य में निवेश आकर्षित करने की ‘जबर्दस्त सफलता’ प्रचार मात्र है और वक्त आ गया है जब इस बात को साबित किया जाए कि सरकार पारदर्शिता के साथ काम करती है.
धनखड़ ने कहा कि उन्होंने बंगाल वैश्विक व्यापार सम्मेलन (बीजीबीएस) पर हुए खर्च का ब्यौरा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मांगा है क्योंकि राज्य के वित्त मंत्री उन्हें सम्मेलन पर हुए खर्च के संबंध में कोई दस्तावेज नहीं दे पाए हैं.
गौरतलब है कि बीजीबीएस एक अहम वार्षिक कार्यक्रम है और ममता बनर्जी सरकार राज्य में निवेश को आकर्षित करने के लिए 2015 से इसे आयोजित करती आ रही है.
राज्यपाल ने सोशल मीडिया पर अपने संदेश में लिखा, ‘12.3 लाख करोड़ से अधिक का ब्योरा उपलब्ध कराने की अपील की थी क्योंकि जमीनी हकीकत ऐसी नहीं दिख रही है. हम ऐसे वक्त में रह रहे हैं जहां ‘गोएबल्स’ (प्रचार) के रुख से काम नहीं चल सकता.’
‘जोसफ गोएबल्स’ जर्मनी में अडोल्फ हिटलर सरकार में प्रचार मंत्री थे.
राज्यपाल ने लिखा, ‘एक फरवरी 2019 को राज्यपाल ने सदन में अपने अभिभाषण में संकेत दिए थे- ‘कम से कम 10 लाख करोड़ रुपये के संयुक्त निवेश प्रस्ताव सहित बीजीबीएस के पहले के सत्रों में जबर्दस्त सफलता मिली है, जिसका 50 प्रतिशत से अधिक लागू किया जा रहा है.’ सब छिपा है! क्यूं!’
सदन में राज्यपाल का अभिभाषण मंत्रिमंडल तैयार करता है.
राज्यपाल ने ट्वीट किया, ‘इस बात को साबित करने का वक्त आ गया है कि ‘हमारी सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ काम करती है, आर्थिक मंजूरियां मिली हुई हैं और नियमित ऑडिट होता है.’
उन्होंने प्रश्न किया कि बीजीबीएस की ऑडिट रिपोर्ट है कहां और जब जनता सब कुछ जानना चाहती है तो इस मामले की जांच क्यूं नहीं होनी चाहिए.
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को मंगलवार को एक पत्र लिख कर कहा कि बीजीबीएस के पांच सत्रों के संबंध में न तो वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने और न ही वित्त मंत्री अमित मित्रा ने मांगी गई सूचनाएं उपलब्ध कराई हैं.