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Thursday, 21 November, 2024
होमडिफेंसअगले हफ्ते आ रहा है मिसाइल डिफेंस सिस्टम से लैस मोदी के लिए नया विमान हाई-टेक एयर इंडिया वन

अगले हफ्ते आ रहा है मिसाइल डिफेंस सिस्टम से लैस मोदी के लिए नया विमान हाई-टेक एयर इंडिया वन

एयर इंडिया, वायुसेना और सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम औपचारिकताएं पूरी करने और विमान को भारत लाने के लिए पहले ही अमेरिका पहुंच चुकी है.

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नई दिल्ली: दिप्रिंट को जानकारी मिली है कि सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति के इस्तेमाल के लिए एयर इंडिया वन नाम से विशेष रूप से तैयार किया चौड़ी बॉडी का एक विमान बोइंग 777-300 ईआर्स अगले हफ्ते के शुरू में दिल्ली में उतरने वाला है.

रक्षा व सुरक्षा अनुष्ठानों के सूत्रों ने कहा कि पहला विमान अगले हफ्ते लैण्ड करेगा, जबकि दूसरा विमान इस साल के अंत तक पहुंचेगा.

इस विमान का अपना ख़ुद का मिसाइल डिफेंस सिस्टम है, जिसे लार्ज एयरक्राफ्ट इनफ्रारेड काउंटरमेज़र्स (एलएआईआरसीएम) कहा जाता है. साथ ही ये विमान सेल्फ प्रोटेक्शन सूइट्स (एसपीएस) और अत्याधुनिक कम्यूनिकेशन सिस्टम से लैस है. इसका संचालन भारतीय वायुसेना करेगी, हालांकि इसे हासिल एयर इंडिया करेगी.

जैसे ही इसे आईएएफ के हवाले करने का काम पूरा हो जाएगा, इसका कॉल साइन एयर इंडिया वन से बदलकर, एयरफोर्स वन हो जाएगा, वैसा ही जैसा अमेरिकी राष्ट्रपति इस्तेमाल करते हैं.

एयर इंडिया, वायुसेना और सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम, औपचारिकताएं पूरी करने और विमान को भारत लाने के लिए पहले ही अमेरिका पहुंच चुकी है.

अशोका के प्रतीक के अलावा, विमान के ऊपर भारत और इंडिया लिखा हुआ है.

फिलहाल लंबी दूरी के लिए, वीवीआईपीज़ एयर इंडिया के बोइंग 747 विमान से चलते हैं. लेकिन, ये विमान फिर से ईंधन भरे बिना, दस घंटे से अधिक की उड़ान नहीं भर सकता. नया विमान बिना रीफ्यूलिंग के लगातार 17 घंटे की उड़ान भर सकता है.

छोटी दूरियों के लिए, वायुसेना की कम्यूनिकेशन स्क्वॉड्रन के बोइंग बिज़नेस जेट और एमब्रेयर एग्ज़ीक्यूटिव जेट के, वीवीआईपी बेड़े के विमान इस्तेमाल किए जाते हैं.

दो नए 777-300 ईआर्स विमान 2005 में लिए गए उस फैसले का हिस्सा हैं. जिसके तहत बोइंग से 68 विमान ख़रीदे जाने हैं.


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एयर इंडिया वन में बहुत बदलाव हुए हैं

सूत्रों ने बताया कि इस बात को मद्देनज़र रखते हुए, कि इन विमानों का इस्तेमाल सिर्फ वीवीआईपीज़ के लिए किया जाएगा, इन दोनों विमानों में भारी बदलाव किए गए हैं.

सूत्रों ने आगे कहा कि ये विमान एक पूरी तरह से उड़ते हुए कमांड सेंटर की तरह काम करने में सक्षम है, चूंकि ये एक उन्नत और सुरक्षित कम्यूनिकेशन सिस्टम से लैस हैं, जिसमें हैक या टैप किए बिना, ऑडियो और वीडियो कम्यूनिकेशन की सुविधा दी गई है, ठीक वैसी ही, जैसे अमेरिकी एयर फोर्स वन में है.

विमान को अंदर से इस तरह बनाया गया है, कि इसमें वीवीआईपी यात्रियों के लिए एक बड़ा केबिन, एक छोटा मेडिकल सेंटर, कॉनफ्रेंस रूम और साथ चल रहे दल के लिए सीटें हैं.

एयर इंडिया वन में होगा अत्याधुनिक डिफेंस सिस्टम

एयर इंडिया वन सेल्फ प्रोटेक्शन सूइट से लैस होगा, जो दुश्मन रडार की फ्रीक्वेंसीज़ को जाम कर सकता है, हीट सीकिंग मिसाइल्स का रुख़ मोड़ सकता है, और मध्यम रेंज के उन्नत मिसाइल सिस्टम्स को रोक सकता है. और ये सब काम क्रू के दख़ल दिए बिना किया जा सकता है.

पिछले साल फरवरी में, कांग्रेस को भेजे गए एक नोटिफिकेशन में, यूएस डिफेंस सिक्योरिटी को-ऑपरेशन एजेंसी ने कहा था, कि अमेरिका ने 19 करोड़ अमेरिकी डॉलर्स के ख़र्च से, एलएआईआरसीएम और एसपीएस की बिक्री को मंज़ूरी दे दी है.

पेंटेगन ने कहा कि ये डिफेंस सिस्टम्स, जो एयर इंडिया की सुरक्षा को एयर फोर्स वन के बराबर ले आएंगे, दो बोइंग 777 हेड-ऑफ-स्टेट एयरक्राफ्ट में लगाए जाएंगे.

फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के अनुसार, एलएआईआरसीएम बड़े विमानों को इंसानों द्वारा चलाए जाने वाले पोर्टेबल मिसाइलों से बचाते हैं. एक बार स्थापित हो जाए, तो एलएआईआरसीएम क्रू के चेतावनी समय को बढ़ा देता है, फॉल्स-अलार्म की दर को घटा देता है, और स्वचालित रूप से एडवांस्ड इंटरमीडिएट रेंज मिसाइल सिस्टम्स से निपट लेता है.

पूरी स्थानिक कवरेज देने के लिए, मिसाइल वॉर्निंग सब-सिस्टम बहुत सारे सेंसर्स का इस्तेमाल करता है.

काउंटर-मेज़र्स सबसिस्टम, लेज़र्स का इस्तेमाल करता है, जो प्वॉइंटर ट्रैकर टरेट असैम्बलीज़ में लगे होते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, ये क्रू के एक्शन के बग़ैर ही, स्वचालित रूप से एडवांस्ड इंटरमीडिएट रेंज मिसाइल सिस्टम्स से निपट लेता है.

पाइलट को बस बता दिया जाता है कि ख़तरे के एक मिसाइल का पता चला था, जिसे जाम कर दिया गया है.

कांग्रेस के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इससे भारत क्षेत्रीय ख़तरों को रोकने में ज़्यादा सक्षम बनेगा और एसपीएस की मदद से बढ़े हुए मिसाइल ख़तरों के मामले में उसकी क्षमता ज़्यादा मज़बूत होगी.

नोटिफिकेशन के अनुसार, भारत ने दो बोइंग-777 हेड-ऑफ-स्टेट एयरक्राफ्ट की सुरक्षा के लिए, दो एसपीएस ख़रीदने का अनुरोध किया था, जिनमें एएन/एएक्यू 24 (वी)एन लार्ज एयरक्राफ्ट इनफ्रारेड काउंटरमेज़र्स, एलक्यू-211 (वी) 8 एडवांस्ड इंटीग्रेटेड डिफेंसिव इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूइट (एआईडीआडब्लूएस) और एएन/एएलई-47 काउंटर-मेज़र्स डिस्पेंसिंग सिस्टम (सीएमडीएस) शामिल हैं.

नोटिफिकेशन में कहा गया था, ‘इस संभावित बिक्री में 12 गार्जियन लेज़र ट्रांसमिटर असैम्बलीज़ एएन/एएक्यू- 24 (वी)एन (6 लगाई हुई और 6 स्पेयर में), आठ (8) एलएआईआरसीएम सिस्टम प्रोसेसर रिप्लेसमेंट्स (एलएसपीआर) एएन/एएक्यू-24 (वी) एन (2 लगी हुईं और 6 स्पेयर में), एएन/एएक्यू- 24 (वी)एन के लिए तेईस (23) मिसाइल वॉर्निंग सेंसर्स (एमडब्लूएस) (12 लगे हुए और 11 स्पेयर्स), पांच (5) एएन/एएलई-47 काउंटर-मेज़र्स डिस्पेंसिंग सिस्टम (सीएमडीएस) (2 लगे हुए और 3 स्पेयर्स) शामिल हैं.

उसमें ये भी कहा गया कि सौदे में अन्य चीज़ों के अलावा, एडवांस्ड इंटीग्रेटेड डिफेंसिव इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूइट्स (एआईडीईडब्लूएस) भी शामिल हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )


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