वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के प्रचार अभियान छोटे धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों को रिझाने में पूरी शिद्दत से जुट गये हैं और ऐसा पहले कभी देखने को नहीं मिला था. इससे अमेरिका में हिंदुओं के बढ़ते राजनीतिक महत्व का संकेत मिलता है.
अमेरिका की 2016 की आबादी में हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करीब एक प्रतिशत था.
मौजूदा राष्ट्रपति एवं रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवार ट्रंप के प्रचार अभियान ने उनके दोबारा व्हाइट हाउस पहुंचने पर अमेरिका में हिंदुओं के लिये धार्मिक स्वतंत्रता की राह में आने वाली अड़चनों को कम करने का वादा किया है. वहीं, दूसरी ओर उनके प्रतिद्वंद्वी एवं डेमोक्रेट उम्मीदवार बाइडेन के प्रचार अभियान ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने (पूर्व उपराष्ट्रपति बाइडेन ने) हिंदू समुदाय से संपर्क साधने को प्राथमिकता दी है.
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में पहली बार ट्रंप के प्रचार अभियान ने 14 अगस्त को ‘‘ट्रंप के लिये हिंदू आवाज’’ के गठन की घोषणा की थी.
इसके दो दिन बाद, हिंदू समुदाय की प्रख्यात नेता नीलिमा गोनुगुंतला ने डेमोक्रेटिक राष्ट्रीय सम्मेलन को शुरू करने के लिये अंतर-धार्मिक प्रार्थना में भागीदारी की. इस बारे में बाइडेन के प्रचार अभियान ने कहा कि यह अमेरिका में हिंदुओं का राजनीतिक महत्व बढ़ने का एक और संकेत है.
अमेरिका में हिंदू-अमेरिकी समुदाय को रिझाने के लिये ट्रंप के प्रचार अभियान के नये गठबंधन का ब्योरा अगले हफ्ते रिपब्लिकन के राष्ट्रीय सम्मेलन में घोषणा किये जाने की उम्मीद है.
ट्रंप के प्रचार अभियान ने कहा, ‘ट्रंप के लिये हिंदू धर्म के लाखों अमेरिकी के योगदानों का सम्मान करते हैं.’
प्रचार अभियान ने कहा, ‘समावेशी अर्थव्यवस्था, अमेरिका-भारत संबंध का निर्माण और सभी की धार्मिक स्वतंत्रता के लिये पुरजोर समर्थन का कोई जोड़ नहीं है. राष्ट्रपति ट्रंप को फिर से निर्वाचित करने से अमेरिका में हिंदुओं के लिये धार्मिक स्वतंत्रता की अड़चनें कम होंगी.’
बाइडेन मंगलवार को आधिकारिक रूप से डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के लिये उम्मीदवार घोषित किये गये.
राजनीतिक मंच, ‘साउथ एशियन्स फॉर बाइडेन’ ने कहा, ‘बाइडेन ने हिंदू समुदाय के पास पहुंच बनाने को प्राथमिकता दी है. ’
सप्ताहांत में बाइडेन के प्रचार अभियान ने भारतीय-अमेरिकियों के लिये मंच शुरू किया, जिसमें हिंदू समुदाय की कई प्रमुख चिंताओं को रेखांकित किया गया है.
बाइडेन ने मंदिरों सहित उपासना स्थलों में किये गये नफरत से प्रेरित अपराधों के लिये जुर्माना कठोर करने का प्रस्ताव किया है. उन्होंने इस तरह के धर्म स्थलों के लिये सुरक्षा अनुदान बढ़ाने का भी वादा किया है. उन्होंने नफरत से प्रेरित अपराध को अपने न्याय विभाग के लिये प्राथमिकता बनाने की भी बात कही है.
अमेरिका हमेशा भारत के लोगों का ‘भरोसेमंद मित्र’
व्हाइट हाउस ने बुधवार को कहा कि अमेरिका हमेशा भारत के लोगों का ‘भरोसेमंद मित्र’ रहेगा. उसने दोहराया कि अमेरिका दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए उत्सुक है.
व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस की पृष्ठभूमि में ट्वीट किया, ‘हम भारत में हमारे मित्रों को बधाई देते हैं, जिन्होंने हाल में अपना स्वतंत्रता दिवस मनाया है.’
परिषद के ट्वीट को सीनेट जॉन कॉर्निन ने रीट्वीट किया. वह सीनेट इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं.
इस हफ्ते की शुरुआत में परिषद के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा था कि ट्रंप प्रशासन ने भारत के साथ अमेरिकी संबंधों का स्तर बढ़ा दिया है तथा अपनी बढ़ती साझेदारी को बहुत अधिक मजबूत किया है जो पहले के अमेरिकी प्रशासनों में नहीं देखा गया था.