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Friday, 22 November, 2024
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थरूर ने ‘अपमानजनक टिप्पणी’ के लिए भाजपा सांसद के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया

लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में थरूर ने कहा, ‘निशिकांत दुबे की अपमानजनक टिप्पणी से न सिर्फ सांसद एवं समिति के प्रमुख के तौर पर मेरे पद का अनादर हुआ है, बल्कि उस संस्था का भी अपमान हुआ है जो हमारे देश की जनता की अकांक्षा का प्रतिबिंब है.’

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नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद एवं सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय समिति के प्रमुख शशि थरूर ने भाजपा के लोकसभा सदस्य निशिकांत दुबे के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया और आरोप लगाया कि दुबे ने फेसबुक प्रकरण को लेकर समिति की बैठक बुलाने के उनके फैसले को लेकर सोशल मीडिया में ‘अपमानजनक टिप्पणी’ की.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में थरूर ने दुबे की ओर से ट्विटर पर की गई उस टिप्पणी पर आपत्ति जताई जिसमें भाजपा सांसद ने कहा था कि ‘स्थायी समिति के प्रमुख के पास इसके सदस्यों के साथ एजेंडे के बारे में विचार-विमर्श किए बिना कुछ करने का अधिकार नहीं है.’

दरअसल, थरूर ने फेसबुक से जुड़े विवाद को लेकर रविवार को कहा था कि सूचना प्रौद्योगिकी मामले की स्थायी समित इस सोशल मीडिया कंपनी से इस विषय पर जवाब मांगेगी.


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लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में थरूर ने कहा, ‘निशिकांत दुबे की अपमानजनक टिप्पणी से न सिर्फ सांसद एवं समिति के प्रमुख के तौर पर मेरे पद का अनादर हुआ है, बल्कि उस संस्था का भी अपमान हुआ है जो हमारे देश की जनता की अकांक्षा का प्रतिबिंब है.’

उन्होंने बिरला से आग्रह किया कि दुबे के खिलाफ कार्यवाही आरंभ करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएं.

कांग्रेस सांसद ने कहा कि वह इस मामले में सख्त कार्रवाई की उम्मीद करते हैं ताकि आगे से ऐसी घटना नहीं हो.

गौरतलब है कि फेसबुक से जुड़ा पूरा विवाद अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ की ओर से शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट के बाद आरंभ हुआ. इस रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि फेसबुक के वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में हस्तक्षेप किया था.

उधर, फेसबुक ने सफाई देते हुए कहा कि उसके मंच पर ऐसे भाषणों और सामग्री पर अंकुश लगाया जाता है, जिनसे हिंसा फैलने की आशंका रहती है. इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि उसकी ये नीतियां वैश्विक स्तर पर लागू की जाती हैं और इसमें यह नहीं देखा जाता कि यह किस राजनीतिक दल से संबंधित मामला है.


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फेसबुक ने इसके साथ ही यह स्वीकार किया है कि वह घृणा फैलाने वाली सभी सामग्रियों पर अंकुश लगाती है, लेकिन इस दिशा में और बहुत कुछ करने की जरूरत है.

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