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Wednesday, 6 November, 2024
होमदेशराम जन्मभूमि पूजन में दिखेगी राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता, सारे देश से जल और मिट्टी लाई जा रही- वीएचपी

राम जन्मभूमि पूजन में दिखेगी राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता, सारे देश से जल और मिट्टी लाई जा रही- वीएचपी

5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या जाकर राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे, इस मौके पर हजारों पवित्र तीर्थ क्षेत्रों की पावन माटी और पवित्र नदियों का जल देश भर से लाया जा रहा है.

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नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन की जोर-शोर से चल रही तैयारियों में वीएचपी और अन्य संगठन भी जुट गए है. वीएचपी का कहना है कि भगवान राम ने सामाजिक समरसता और सशक्तिकरण का संदेश स्वयं के जीवन से दिया है. इसलिए उनके मंदिर निर्माण के भूमि पूजन में देशभर की पवित्र नदियों के जल और तीर्थ स्थानों की मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है. इस भूमि पूजन कार्यक्रम के जरिए राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता का भी संदेश दिया जाएगा.

वीएचपी के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि, ‘भगवान श्री राम द्वारा अहिल्या का उद्धार, शबरी और  निषादराज से प्रेम और मित्रता सामाजिक समरसता के अनुपम उदाहरण हैं.

उन्होंने बताया,  ‘श्रीराम जन्मभूमि का शिलान्यास 1989 में अनेक पूज्य संतों की उपस्थिति में अनुसूचित जाति के कामेश्वर चौपाल के कर कमलों से ही संपन्न हुआ था जो, आज श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के न्यासी भी हैं.’


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देशभर के तीर्थ स्थलों से लाया जाएगा जल और मिट्टी

उन्होंने आगे कहा, ‘हजारों पवित्र तीर्थ क्षेत्रों की पावन माटी और पवित्र नदियों का जल श्रीराम जन्मभूमि पूजन हेतु देश भर से लाया जा रहा है. इनमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उद्गम स्थल नागपुर से लेकर संत रविदास जी की काशी स्थित जन्मस्थली भी शामिल है.

इसके अलावा बिहार के सीतामढ़ी से महर्षि वाल्मीकि आश्रम, महाराष्ट्र के विदर्भ के गोंदिया जिला के कचारगड, झारखंड के रामरेखाधाम, मध्यप्रदेश के टंट्या भील की पुण्यभूमि, श्री हरमंदिर साहिब अमृतसर पंजाब, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के जन्मस्थान महू, दिल्ली के जैन लाल मंदिर और वाल्मीकि मंदिर की जहां महात्मा गांधी 72 दिन रहे थे ये सभी शामिल है.

जहां हैं वहीं जलाएं दीप और करें पूजा

परांडे ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि पांच अगस्त को हम सभी राम भक्त अपने-अपने घरों, प्रतिष्ठानों, मठ-मन्दिरों, आश्रमों आदि स्थानों पर ही यथासम्भव सामूहिक बैठकर प्रातः 10.30 बजे से अपने-अपने आराध्य देव का भजन-पूजन कीर्तन स्मरण करें, पुष्प समर्पित करें, आरती करें व प्रसाद वितरित करें.

परांडे ने इस मौके पर अपील की है, ‘वह ऐसी व्यवस्था करें कि अयोध्या से टेलीविजन के माध्यम से दिखाए जा रहे सीधे प्रसारण को अधिक से अधिक लोग देख सकें. उन्होंने शाम के समय दीप जलाने की भी गुजारिश की है.’

साथ ही उन्होंने कहा है, ‘मंदिर निर्माण के सहयोग के लिए अधिक से अधिक लोग आगे आएं और यथाशक्ति दान का संकल्प लें.’

वीएचपी के केंद्रीय महामंत्री ने राम मंदिर भूजन कार्यक्रम की इन सभी योजनाओं व कार्यकर्मों में कोरोना से रक्षा के सभी साधन अपनाने तथा इस सम्बन्ध में आए सरकारी व प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करने की भी बात कही है.


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राम मंदिर को लेकर कुछ राजनीतिक दलों द्वारा किए जा रहे विरोध के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘ कुछ लोगों की राजनीति ही विरोध पर टिकी हुई है. हिंदू हितों के विरुद्ध जाना इन लोगों का काम है.’

गौरतलब है कि 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या जाकर राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे. पीएम के अयोध्या आने को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं.

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