नई दिल्ली : एक नए सर्वे में सामने आया है कि देश में दवा के हर 100 बिल में से 92 पर (इम्यूनिटी बूस्टर) प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत करने वाले उत्पादों को खरीदा गया.
भारत और मध्य एशिया में डॉक्टरों की अवधारणा और फार्मा मार्केट की गतिविधियों पर बारीक नजर रखने में माहिर एक फर्म प्रोंटो कंसल्ट की तरफ से किए गए उपभोक्ता सर्वे के मुताबिक गैर-कोविड दिनों में यह संख्या ऐतिहासिक तौर पर 40 से नीचे रही है.
जुलाई में जारी किए गए जून माह के सर्वेक्षण में पाया गया, ‘92% के आंकड़े के साथ इम्यूनिटी बूस्टर की खरीद न केवल दवाओं में बल्कि खाद्य संबंधी उत्पादों की श्रेणियों में भी बदलते ट्रेंड को दिखाती है.’
देशव्यापी सर्वे के मुताबिक, ‘डिटॉक्स उत्पादों के अलावा शहद, च्यवनप्राश, अदरक, मोरिंगा ओलिफेरा, प्रोबायोटिक्स, ग्रीन टी, आंवला, तुलसी, हल्दी, लेमनग्रास, करेला, जामुन, केसर आदि चीजों को खरीदने का चलन भी बढ़ा है.’
दवा की दुकानों की तरफ से उपभोक्ताओं को दिए गए लगभग 4000 मेडिकल बिल का विश्लेषण करने वाले इस सर्वेक्षण में यह अनुमान भी जताया गया है कि आने वाले कुछ महीनों में फार्मा उद्योग में इन श्रेणियों में कई नए उत्पाद लांच हो सकते हैं.
इसमें 87 प्रतिशत—यानी 100 में से 87 बिल पर–पोषक पेयपदार्थों की खरीद शामिल है.
सर्वे के मुताबिक, ‘खरीद में चॉकलेट युक्त पेयपदार्थ, प्रोटीन युक्त छाछ, जौ से बने पेय, हल्दी दूध, प्रोबायोटिक पेय और नारियल पानी शामिल हैं. पहले की तुलना में सोडा आधारित पेय खरीदने में कमी आई है.’
इसमें बताया गया है कि लॉकडाउन अवधि के दौरान ‘इम्यूनिटी, इम्यून सिस्टम, जिंक, सीरम, विटामिन सी और कैल्शियम कार्बोनेट’ जैसे शब्दों की खोज के साथ ऑनलाइन सर्च में ‘इम्युनिटी’ के बारे में जानने का रुझान खासा बढ़ा है.
‘इम्यूनिटी’ को लेकर सर्च में 350 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई है. न केवल महानगरों बल्कि दूरदराज के इलाकों में भी इनकी खोज में वृद्धि नजर आई है.
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अन्य श्रेणियों में एंटी- डायबिटीज, एसिडिटी और हृदय रोग की दवाएं शीर्ष पर
अन्य श्रेणियों में मधुमेह, एसिडिटी और हृदय रोग की दवाओं की खरीद शीर्ष पर रही.
रिपोर्ट में बताया गया कि बाजार में 67 प्रतिशत खरीद एंटी-डायबिटिक उत्पादों की रही जबकि 78 प्रतिशत खरीद हृदय रोग से संबंधित ब्रांड की हुई. इसके मुताबिक, ‘71% बिल में शामिल होने के साथ एंटासिड की खरीद में वृद्धि दिखी. वहीं हृदय रोग संबंधी दवाओं की श्रेणी में हमने टेल्मीसर्टन, बिसोप्रोलोल, बेनिडिपिन, एम्लोडाइपिन, सिल्निडिपिन और अन्य में वृद्धि देखी.’
सर्वे में यह भी बताया गया कि इसके अलावा मानसून का मौसम शुरू होने के साथ बीमारियों के आसार देखते हुए लोगों ने जून के पहले हिस्से यानी 1 से 20 जून के बीच ‘एंटी-बैक्टीरियल के साथ सर्दी-खांसी की दवाओं’ को पहले से ही खरीद कर रख लिया.
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लॉकडाउन के बाद जून में बिक्री बढ़ी
मार्च में देशव्यापी लॉकडाउन के कारण उपभोक्ताओं ने अगले कुछ दिनों के लिए अपनी दवाएं खरीद कर रख ली थीं, जिसके कारण बाद के महीने में बिक्री में गिरावट दर्ज की गई.
पिछले महीने कारोबार में फिर तेजी नजर आई.
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘जून पहली तिमाही में भारतीय फार्मास्युटिकल्स बाजार के लिहाज से सबसे अच्छा महीना था, जिसमें खरीदारी में काफी तेजी रही.’
इसके अलावा, अब चेन्नई और पश्चिम बंगाल में नए सिरे से लॉकडाउन की घोषणा की गई है, ‘हमने ऐसे उपभोक्ताओं में वृद्धि देखी जो कम से कम 4 से 6 सप्ताह के लिए उत्पाद खरीद रहे हैं, इससे जुलाई में फिर गिरावट नजर आ सकती है.’
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘यह वृद्धि मुख्यत: बड़े शहरों में दिखी है जो स्पष्टतय: लॉकडाउन-1 (मार्च में) से पहले वाले खरीद पैटर्न को दिखाती है. इस दौरान एक बात और भी पता चली कि कुछ उत्पादों के अनुपलब्ध होने पर उनके सबस्टीट्यूट खरीदने में वृद्धि हुई है.’
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