मुंबई: पीएमएलए अदालत ने बैंक से करोड़ों रुपये की कथित जालसाजी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए गए यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर की जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी.
कपूर ने मामले के गुण-दोष के आधार पर जमानत देने का अनुरोध किया था.
उनके वकीलों ने दलील दी कि मामले में जांच पूरी हो चुकी है इसलिए उन्हें जेल में रखने का कोई कारण नहीं है. इसके अलावा ज्यादातर साक्ष्य दस्तावेजी किस्म के हैं और इससे आरोपी छेड़छाड़ नहीं कर सकते.
हालांकि, विशेष न्यायाधीश पी पी राजवैद्य ने कपूर की याचिका को खारिज कर दिया.
धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मार्च में गिरफ्तार किए गए कपूर फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.
प्रवर्तन निदेशालय कपूर, उनकी पत्नी और तीन बेटियों को एक कंपनी द्वारा मिले 600 करोड़ रुपये से ज्यादा के मामले में जांच कर रहा है. इस कंपनी का संचालन कथित तौर पर कपूर द्वारा किया जा रहा था और इसका संबंध दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) से था.
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ईडी ने आरोप लगाया है कि कर्ज को मंजूरी देने में कपूर, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य को फायदा हुआ.
कुछ कॉरपोरेट घरानों को भी आसान कर्ज देने का आरोप है जो बाद में गैर निष्पादित संपत्तियां (एनपीए) बन गयी.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) भी संबंधित मामले में जांच कर रहा है.