नई दिल्ली: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्र शर्जील उस्मानी (23) को बुधवार शाम 5-6 बजे के बीच उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से गिरफ्तार किया गया. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से इस गिरफ्तारी को जोड़कर देखा जा रहा है.
शर्जील के पिता तारीक उस्मानी ने दिप्रिंट को बताया कि शर्जील की गिरफ्तारी उनके मामा इसरार अहमद के घर से हुई. उन्होंने कहा कि शरजील को ले जाने के दौरान सादे कपड़े वालों ने उनके बेटे का एक जोड़ा कपड़ा भी मांगा.
उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक गिरफ्तारी एंटी टेररिज़्म स्क्वॉड (एटीएस) द्वारा की गई है.
आज़मगढ़ पुलिस के एडिशनल एसपी (क्राइम) अरविंद कुमार ने दिप्रिंट से कहा, ‘शरजील की गिरफ्तारी एटीएस द्वारा की गई है. उसपर कई मामले दर्ज़ हैं. हम कानून सम्मत तरीके से उसे 24 घंटे के भीतर कोर्ट में पेश करेंगे. अभी हम इससे ज़्यादा जानकारी नहीं दे सकते हैं.’
एएमयू के एक पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ने जानकारी दी कि दिसंबर में नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में एएमयू से जुड़ी ये दूसरी गिरफ्तारी है.
शर्जील के पिता तारीक एएमयू में अससिस्टेंट प्रोफेसर हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें अभी तक नहीं पता कि ये गिरफ्तारी है या क्या है.
उन्होंने कहा, ‘शाम 5-6 के बीच सादे कपड़ों में पांच लोग आए. घर की तलाशी ली और किताबें समेत बाकी चीज़ें जब्त कर लीं. उसका लैपटॉप ले गए जबकि लैपटॉप वो किसी और से मांग कर लाया था.’
सामाजिक कार्यकर्ता और स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर इस प्रकरण पर चिंता जताई और इस पर कई सवाल उठाए. उन्होंने लिखा, ‘मैं शर्जील उस्मानी को लेकर चिंतित हूं. बिना वारंट के सादे कपड़ों वाले लोग कैसे किसी को उठा सकते हैं? यूपी पुलिस उसे हिरासत में लिए जाने की पुष्टि क्यों नहीं कर रही? वो कहां है?’
Really concerned about #SharjeelUsmani
How can plainclothes men just pick up someone without any warrant? Why is the @Uppolice not confirming his detention? Where is he? https://t.co/eemOnHlNpJ— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) July 8, 2020
शर्जील ने एएमयू से बीए की पढ़ाई की है. उनके पिता के मुताबिक दिसंबर में हुई हिंसा के पहले शर्जील बैकलॉग क्लियर करने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी गए थे.
बता दें कि जामिया में 15 दिंसबर को हुई हिंसा के बाद जामिया भी सीएए-विरोधी हिंसा की चपेट में आया. एएमयू में हुई हिंसा के बाद 52 नामज़द और 1,000 अज्ञात पर एफ़आईआर हुई थी. उनके पिता के मुताबिक जिनपर नामज़द एफ़आईआर है उनमें शर्जील भी शामिल है.
ऊपर अलीगढ़ के जिस पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष का ज़िक्र है उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि एएमयू हिंसा मामले में ये दूसरी गिरफ़्तारी है. इसके पहले फरहान ज़ुबैरी को गिरफ़्तार किया जा चुका है.
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ने कहा, ‘मीडिया ने जिन लोगों को एएमयू हिंसा का मास्टरमाइंड बताकर पेश किया था उसमें शर्जील को भी बहुत नकारात्मक रंग में रंगा गया था’.
फरहान ज़ुबैरी के भाई इमरान ज़ुबैरी ने दिप्रिंट को बताया कि उनके भाई को 28 मई को गिरफ़्तार किया गया था. उन्होंने कहा, ‘परिवार अभी फरहान के मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट में लड़ रहा है’.
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सीएए को लेकर प्रदर्शन करने पर कई लोगों पर हुई है कार्रवाई
दिल्ली में भी सीएए विरोध प्रदर्शन और दिल्ली दंगों में शामिल होने के आरोप में कई छात्रों को गिरफ़्तार किया गया है.
पिंजरा तोड़ समूह की सदस्य और जवाहरलाल यूनिवर्सिटी (जेनएयू) की छात्राएं देवंगना कलिता और नताशा नरवाल को मई महीने में गिरफ़्तार किया गया था. जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के भी कई छात्रों को 23 फरवरी को शुरू हुए दिल्ली दंगों में कथित तौर पर शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
सीएए विरोधी प्रदर्शनों के अगुआ रहे जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी (जेसीसी) के सदस्य सफूरा जरगर और मीरान हैदर जैसे प्रमुख नाम इनमें शामिल हैं जिनपर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) का इस्तेमाल किया गया. जेएनयू के छात्र शर्जील इमाम पर 124 ए (राजद्रोह) जैसी गभीर धारा लगाई गई है.
पूर्व जेएनयू छात्र नेता ऊमर ख़ालिद पर भी यूएपीए लगाया गया है. हालांकि, अभी तक उनकी गिरफ़्तारी नहीं किया गया है. इनमें से जरगर को मानवीय आधार पर 23 जून को बेल मिली थी.