नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ‘भूमि पूजन’ का कार्यक्रम अभी कुछ दिन और टल सकता है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास द्वारा इस संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी को लिखे गए पत्र का जवाब अब तक नहीं मिला है.
सूत्रों के अनुसार, अगर भूमि पूजन का कार्यक्रम अगस्त के पहले सप्ताह तक नहीं होता है तो अक्टूबर तक इसे टाला जाएगा.
ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने दिप्रिंट से कहा, ‘हमने जो पत्र प्रधानमंत्री जी को लिखा था, अभी तक हमें उसका जवाब नहीं आया है.’
उन्होंने कहा, ‘श्रावण मास में भूमि पूजन किया जा सकता है. लेकिन ये अवधि निकलने के बाद भूमि पूजन फिर अक्टूबर के आसपास ही किया जा सकेगा.’
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महंत नृत्य गोपाल दास ने 2 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख था. उनका कहना था कि, ‘हमने पीएम मोदी को पत्र लिखकर अयोध्या आने और राम मंदिर की निर्माण की गतिविधियों का उद्घाटन करने का अनुरोध किया है. इस कार्यक्रम के दौरान हम यह सुनिश्चित करेंगे की कोई भीड़-भाड़ न हो.’
महंत नृत्य गोपाल दास ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. वहीं ट्रस्ट के अन्य सदस्यों में प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा, अतिरिक्त केंद्रीय गृह सचिव ज्ञानेश कुमार और उत्तर प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी शामिल हैं.
ट्रस्ट के एक और सदस्य ने नाम न बताने की शर्त पर दिप्रिंट को कहा कि अगर मोदी खुद अयोध्या नहीं जाते हैं तो वे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन कर सकते हैं.
राम मंदिर निर्माण पर 18 जुलाई को फैसला लिया जा सकता है
विश्व हिंदू परिषद के एक सूत्र ने दिप्रिंट से कहा कि राम मंदिर ट्रस्ट की एक महत्वपूर्ण बैठक 18 जुलाई को अयोध्या में होगी. इसमें निर्माण कार्य शुरू करने पर चर्चा होगी.
सूत्र ने कहा, ‘इस बैठक के लिए सभी ट्रस्टी 16 जुलाई से ही अयोध्या पहुचेंगे. राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा मंदिर निर्माण से जुड़ी सभी पहलुओं पर चर्चा करेंगे. अब तक कितना निर्माण हुआ, तकनीकि मुद्दे, ले-आउट और पूर्व में हो चुकी तैयारियों का वे जायजा लेंगे और इसे अंतिम रूप देंगे.’
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सूत्र ने दिप्रिंट से कहा कि राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा सहित ट्रस्ट के अन्य सदस्य अयोध्या में स्थिति का जायजा लेने के लिए 16 जुलाई से अध्योध्या में रहेंगे. इस दौरान वे साधु और संतों के साथ बातचीत भी कर सकते हैं.
वीएचपी के एक अन्य सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, ‘कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते फिलहाल राम मंदिर के लिए भूमि पूजन के होने की संभावना नहीं लगती है. सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करने के चलते ज्यादा मजदूरों से भी काम नहीं लिया जा सकता है. इसलिए ‘भूमि भूजन’ को अक्टूबर तक बढ़ाया जा सकता है.’
फिलहाल भूमि की जांच और समतलीकरण का काम चल रहा है.
पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि 6 जुलाई को राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.