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Friday, 22 November, 2024
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सिर्फ दिल्ली आजतक और एएक्सएन नहीं बल्कि 40 चैनल हो सकते हैं बंद, टीवी उद्योग में डर का माहौल

ब्रॉडकास्टर्स ने टीवी उद्योग पर लॉकडाउन के प्रभाव को कम करने के लिए तत्काल सरकार के हस्तक्षेप का आह्वान किया है.

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नई दिल्ली: कोविड-19 की वजह से हुए लॉकडाउन ने टीवी उद्योग को बहुत प्रभावित किया है और ऐसा माना जा रहा है कि इस हफ्ते मनोरंजन चैनल एएक्सएन (AXN) और एएक्सएन एचडी (AXN HD)और न्यूज़ चैनल दिल्ली आज तक (Dilli Aaj Taj) का प्रसारण बंद हो सकता है. ऐसा माना जा रहा है कि यह मामले और बढ़ सकते हैं.

सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (SPNI) ने इस महीने घोषणा की कि वह 1 जुलाई 2020 से अपने लोकप्रिय अंग्रेजी मनोरंजन चैनलों AXN और AXN HD को बंद कर देगा. उसी दिन, Dilli Aaj Tak,जो इंडिया टूडे समूह का ही एक हिंदी समाचार चैनल है आपकी टेलीविजन स्क्रीन से गायब हो जाएगा.

टेलीविज उद्योग में यह विकट स्थिति लॉकडाउन की वजह से विज्ञापन में रेवेन्यू में कमी और ठप शूटिंग की वजह से लेना पड़ा है. लॉकडाउन की वजह से टेलीविजन उद्योग पर गहरी मार पड़ी है.

हालांकि चैनल ने अपने बयान में चैनल बंद होने का कारण कोविड -19, लॉकडाउन को नहीं बताया है लेकिन इस उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से प्रसारण व्यवसाय पर बुरा प्रभाव पड़ा है.

अप्रैल में बार्क- निलसन रिपोर्ट के अनुसार, सामान्य मनोरंजन चैनल अकेले जनवरी की तुलना में लॉकडाउन की वजह से विज्ञापन नहीं मिलने के कारण 26 फीसदी तक घाटे में रहे हैं.

समाचार चैनल भी प्रभावित हुए हैं. लॉकडाउन के दौरान उनकी बढ़ी व्यूअरशिप ने विज्ञापन और रेवेन्यू जेनरेट करने में कोई मदद नहीं की है.

रेटिंग एजेंसी आसीआरए ने गुरुवार को कहा कि कोविड -19 के प्रभाव के कारण फिल्म निर्माण और प्रदर्शनी, प्रिंट मीडिया और टेलीविजन प्रसारण क्षेत्रों का क्रेडिट आउटलुक निगेटिव रहा है.


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तीन चैनल हो रहे हैं बंद

एएक्सएन और एएक्सएन- इंडिया जिसने भारतीय दर्शकों को अंतरराष्ट्रीय शो जैसे शेरलॉक एंड सेक्स और दि सिटी जैसे शो दिखाए. कथित तौर पर भारत के शीर्ष अंग्रेजी मनोरंजन चैनलों में इसे रैंक हांसिल हैं.

सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया ने उद्योग से जुड़ी खबरों के लिए एक पोर्टल ड्रीमडीटीएच को बताया कि वह इन चैनलों को बंद करने की निर्णय की घोषणा करते हुए कंपनी के ‘विकास रणनीति’ को ध्यान में रखे हुए हैं और ‘चैनल पोर्टफोलियो’को ध्यान में रख कर कर रहे हैं.

उन्होंने कहा,’यही वजह है कि हमने AXN और AXN HD को बंद करने का फैसला किया है.’

इसी बीच इंडिया टूडे बीएसई की अपनी फाइलिंग में बताया है कि दिल्ली-एनसीआर की खबरों पर ध्यान केंद्रित करने वाली दिल्ली आजतक ने 2019-20 में कंपनी के राजस्व में 1 फीसदी से भी कम का योगदान दिया है.

‘डीएटी (Dilli Aaj Tak) का व्यवसाय पिछले कुछ वर्षों में विकसित नहीं हुआ है, इसलिए डीएटी के प्रसारण और संचालन को जारी रखना व्यवहार्य नहीं है, इस चैनल में काम करने वाले कुछ लोगों ने कहा है कि उन्हें 2 जून को यह सूचना दी गई जिसके अनुसार उनके प्रमुख चैनल ‘आजतक’ में उन्हें अधिक प्रभावी ढंग से काम करने का मौका मिल सकता है.

हालांकि, उद्योग जगत से जुड़े अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि चैनलों में मौजूदा नौकरियां प्रभावित नहीं होंगी क्योंकि कर्मचारी को दूसरे वर्टिकल में शामिल किया जाएगा.

अनुमान है 30-40 चैनल होंगे प्रभावित

पिछले महीने जारी ताजा फिक्की-ईवाई रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र – जिसमें समाचार पत्र, समाचार और मनोरंजन टीवी चैनल, रेडियो और सिनेमा शामिल हैं, का मूल्य 1.82 ट्रिलियन रुपये है. इसने 2018 में 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की.

लेकिन यह लॉकडाउन से बहुत प्रभावित हुआ है, जिसने समग्र रूप से अर्थव्यवस्था पर भारी असर डाला है.

उद्योग के एक सूत्र ने कहा कि छोटे खिलाड़ियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा, अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो लगभग 40 टीवी चैनल बंद हो सकते हैं. ‘ हम अनुमान लगा रहे हैं कि अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो लगभग 30-40 टेलीविजन चैनलों को अपना ऑपरेशन बंद करना पड़ेगा.’

सूत्र के अनुसार, कई उद्योग निकायों ने केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय से कई मामलों में राहत मांगी है, जो इस क्षेत्र की देखरेख करता है. ‘अब तक उद्योग की मांगों पर कोई प्रगति नहीं हुई है. सरकार को उद्योग को पुनर्जीवित और सुधार के लिए सुझाए गए कदमों पर काम करना बाकी है. ‘


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तीन चीजों पर तुरंत लेना होगा एक्शन

उद्योग जगत के एक दूसरे शीर्ष सूत्र ने कहा कि सरकार को दिए गए सुझावों में से कम से कम तीन उपायों पर गौर करने की तत्काल आवश्यकता है, जिसमें भारत के वॉचडॉग टेलीविजन नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा ‘लगातार हस्तक्षेप’ करना शामिल है, जिसमें वो व्यापार मॉडल और निवेश के फैसले को बाधित करने का दावा करते हैं भी शामिल हैं.

‘हस्तक्षेप’ में इस साल जनवरी में जारी किया गया नया टैरिफ ऑर्डर (NTO) शामिल है. एनटीओ प्रति चैनल 12 रुपये की एमआरपी अनिवार्य करता है, जो पहले 19 रुपये थी. यह प्रतिबंध की चैनल के समूह को ऑफर को यह प्रमोट करने से रोकता कि कौन कौन सा चैनल देखना चाहता है.

उद्योग के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि ब्रॉडकास्टरों को इस तरह के प्रतिबंधों से बाध्य नहीं किया जाना चाहिए. उनका दावा क हैं कि इस से उपभोक्ताओं के लिए खर्च बढ़ेगा और उद्योग भी प्रभावित होगा

सूत्र ने यह भी बताया, सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इसलिए इनकार कर दिया कि यह मामला अदालत में हैं.

बता दें कि ब्रॉडकास्टरों ने एनटीओ के खिलाफ केस दायर किया है. अदालत ने मामले में मार्च में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए प्रधानमंत्री के आह्वान का हवाला देते हुए, सूत्र ने कहा, मंत्रालय को तुरंत एनटीओ पर रोक लगाना चाहिए.

दूसरे, सूत्र ने कहा, प्रसारकों को भी राजस्व में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि मल्टी-सिस्टम ऑपरेटर, जो कई केबल टेलीविजन सिस्टम चलाते हैं, उन्हें भुगतान नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे खुद लॉकडाउन के कारण ग्राहकों से नकदी एकत्र करने में असमर्थ हैं.

सूत्र ने कहा, ‘मौजूदा स्थिति में, सरकार के एक तत्काल हस्तक्षेप की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ब्रॉडकास्टरों के भुगतान प्रभावित न हों और नकद राशि एकत्र की जा सके.

सूत्र ने कहा कि जब छोटे फल व्यापारी और सब्जी बेचने वाले लोग पैसे विभिन्न डिजिटल एप्लीकेशन से एकत्र कर सकते हैं तो समझ नहीं आता कि एमएसओ को ऐसा करने के क्यों रोका जा रहा है.

ब्रॉडकास्टर ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से कहा है कि या तो वह तत्काल प्रभाव से एडवायजरी जारी कर एक अल्पकालिक उपाय जारी करें या ट्राई को आदेश दें, जिससे कि वितरक डिजिटल भुगतान कलेक्शन कर सकें.

यही नहीं उद्योग ने सरकार को अपने 200 करोड़ के विज्ञापनों के ड्यू को जल्दी से जल्दी क्लीयर करने के लिए कई याचिका भी सबमिट की है. ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन (BOC),आईबी मंत्रालय के तहत एक इकाई है जो मीडिया रणनीति पर प्रशासन को सलाह देती है, छोटे और मध्यम प्रसारकों का सहारा भी देती है. सूत्र ने कहा कि अभी लिए गए ये कदम प्रसारण के क्षेत्र में सामान्य स्थिति लाने में बड़ा योगदान देंगे

शिकायतों के बारे में पूछे जाने पर, ‘आईबी मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि वे प्रसारकों के बकाया को जल्द से जल्द अदा करने को लेकर काम कर रहे हैं. साथ ही यह भी कहा कि बीओसी के ‘सीमित कर्मचारी’ एक चुनौती साबित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुझाए गए उपायों को ‘देखा’ जा रहा है.’

सरकार ने अब तक क्या किया है?

जैसा कि देश ने कई चरणों में लॉकडाउन को समाप्त करने की तैयारी की है, और महाराष्ट्र भारत के मनोरंजन उद्योग के ग्राउंड जीरो है ने सावधानियों के साथ फिल्म और टीवी शूट को फिर से शुरू करने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं.

पिछले कुछ हफ्तों में, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रसारण क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों से मुलाकात की और उनकी चिंताओं को सुना है.

29 मई को, मंत्रालय ने टीवी धारावाहिकों से जुड़े उत्पादकों और प्रसारकों को कलाकारों के भुगतान को मंजूरी देने के लिए कहा, और कहा कि सरकार मीडिया उद्योग को अपने बकाया का भुगतान करने के लिए काम कर रही है.

एक सरकारी बयान के अनुसार, जावड़ेकर ने फिल्म निर्माताओं, थिएटर मालिकों और अन्य फिल्म उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ मंगलवार को बैठक की, जिसमें उन्होंने कोविड -19 लॉकडाउन के कारण आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की.

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9 टिप्पणी

  1. हम नहीं चाहते की खास कर न्यूज चैनल बंद हो।
    या किसी भी चैनल को बंद करने की नौबत आये
    प्रकाश जावेडकर जी से अनुरोध है की कृपया ईस पर ध्यान दें

    • Mein Delhi se hun aur Delhi aajtak channel mera favourite local city channel hai.Mein nhi chahta ki Delhi aajtak channel band ho…

  2. Mission is as per plan. Most of news channels were threatened by availability of info-tainment on internet…. Bye~Bye Media Houses, Newspapers and publishing houses… However waiting to find you tired & lost with other channels on internet…. BTW, I had a grudge with all of them for airing biased, fake news with lies, I am delighted to watch you sink, and you unnecessarily tried to defame me and others in collusion with international agencies, without ever meetings or hearing our stories… RIP…. Karma works !!!…

  3. I had a grudge with all of them for airing biased, fake news with lies, I am delighted to watch you sink, and you unnecessarily tried to defame me and others in collusion with international agencies, without ever meetings or hearing our stories… RIP…. Karma works !!!…

  4. सभी फर्जी चैनल बन्द होने चाहिए।ये दलाली का केंद्र बने हुए है।
    जब बड़ी दुकानें बन्द हो गईं तब इन्होंने नुक्कड़ पर टपरी लगा ली।
    विनोद दुआ, आशुतोष आदि । अन्य जल्दी शामिल होंगे।

  5. हमे ये जान कर बहुत खुशी हुई हम चाहते है न्यूज चेनल बरबाद हो जाये ताकी भारत में नफरत फेलाने वाला गोदी मीडीया भी खतम हो जाये

  6. लगे हाथों सभी चैनलों के लिए मानक भी तय कर लिए जायें… देश और समाज हित सर्वोपरि रहें….. जो भी अवहेलना करें उन्हें कड़ी चेतावनी दी जाये, पुनरावृति पाये जाने पर प्रसारण बंद और भारी जुर्माना लगे…. प्रसारण मंत्रालय के संतुष्ट न होने पर लाइसेंस निरस्त कर दिया जाये…. सभी प्रसारण सम्बंधित मुख्य समूहों और मुख्य व्यक्तित्व विचार विमर्श करके मानक तय करें

  7. Sarkar ko is per gambhirata se dhyan Dena chahiye news channel band karna Ya Koi bhi
    Channel band karna Sahi nhi hai.Aur dusri baat Ye bhi hai ki lie news Ya fake news ki
    Wajah se bhi public news channels avoid karne
    Lagi hai

  8. News channel should be informative, but today some channel pass judgement….. Or conclude the matter…. I think it’s matter of viewer…. They decide….

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