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Sunday, 29 September, 2024
होमदेशपीओके में सभी आतंकवादी शिविर और 15 लांचिंग पैड भरे पड़े हैं: लेफ्टिनेंट जनरल राजू

पीओके में सभी आतंकवादी शिविर और 15 लांचिंग पैड भरे पड़े हैं: लेफ्टिनेंट जनरल राजू

लेफ्टिनेंट जनरल बग्गावल्ली सोमशेखर राजू ने जोर देकर कहा कि घाटी में आतंकवाद की कमर लगभग टूट गई है और पाकिस्तान को यह ‘हजम’ नहीं हो रहा है कि कश्मीरी शांति से रह रहे हैं और कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है.

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नयी दिल्ली: भारतीय सेना के शीर्ष कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू के मुताबिक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में मौजूद आतंकवादियों के शिविर और भारतीय सीमा में घुसपैठ कराने के लिए तैयार करीब 15 लांचिंग पैड आतंकवादियों से भरे पड़े हैं.

उन्होंने आशंका जताई कि जम्मू-कश्मीर में सेना की कार्रवाई की वजह से लगातार घट रहे आतंकवादियों की संख्या बढ़ाने के लिए इस गर्मी में घुसपैठ कराने की कोशिशें बढ़ सकती हैं.

लेफ्टिनेंट जनरल बग्गावल्ली सोमशेखर राजू ने जोर देकर कहा कि घाटी में आतंकवाद की कमर लगभग टूट गई है और पाकिस्तान को यह ‘हजम’ नहीं हो रहा है कि कश्मीरी शांति से रह रहे हैं और कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है.

उल्लेखनीय है कि लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने श्रीनगर में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 15वीं कॉर्प की कमान एक मार्च को संभाली थी.

लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने ई-मेल के जरिये दिए साक्षात्कार में कहा, ‘भीतरी इलाकों में सक्रिय आतंकवादियों को मार गिराने के बाद आतंकवाद की कमर लगभग टूट गई है. मारे जा रहे इन आतंकवादियों की भरपाई करने के इरादे से हमें आशंका है कि गर्मी में सीमापार से घुसपैट की कोशिशों में इजाफा हो सकता है. हमें आशंका है कि घाटी में कम होते सक्रिय आतंकवादियों की भरपाई के लिए अधिक से अधिक घुसपैठ की कोशिश होगी क्योंकि घुसपैठ की कोशिश भी गर्मी के मौसम तक सीमित हो गई है.’

उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकवादियों के सभी शिविर और 15 लांचिंग पैड (जहां से सीमा पर घुसपैठ कराई जाती है) आतंकवादियों से भरे पड़े हैं और वे पाकिस्तानी सेना की मदद से घुसपैठ करने के लिए बेताब हैं.’


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लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि पाकिस्तान पिछले 30 साल से घुसपैठियों की मदद कर रहा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना आतंकवादी समूहों को घुसपैठ कराने के लिए लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रही है लेकिन साथ ही कहा कि भारत की ओर से तीखे और कड़ाई से दिए जा रहे जवाब से वह हताश है.

उन्होंने कहा कि सेना द्वारा घुसपैठ रोधी तंत्र को मजबूत किया गया है और इसके साथ ही संघर्ष विराम का उल्लंघन करने की कार्रवाई पर प्रभावी जवाब से पाकिस्तान अपने एजेंडे को जारी रखने में असहाय महसूस कर रहा है.

राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के 1984 बैच के लेफ्टिनेंट जनरल राजू नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास ब्रिगेड कमांडर की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. इसके बाद उन्होंने सेना के आंतकवादी रोधी समूह ‘विक्टर फोर्स’ का नेतृत्व किया जिसने आतंकवाद प्रभावित दक्षिण कश्मीर में कार्रवाई की. इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया कि अगर हमारे देश के खिलाफ कोई साजिश रच रहा है तो अपने इरादे को छोड़ दे.

लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा, ‘अगर कोई हथियार उठाता है या देश की संप्रभुता के प्रति गलत इरादा रखता है तो उससे कड़ाई से निपटा जाएगा.’ उन्होंने कहा कि सेना अपने विभिन्न हितधारकों के साथ किसी भी आपात स्थिति से निपटने को तैयार है और उन लोगों (आतंकवादियों) का सफाया करना जारी रखेगी.

जब उनसे पूछा गया कि जब पूरी दुनिया कोविड-19 की चपेट में है ऐसे में सीमापार से बढ़ी घुसपैठ की कोशिशों का मुकाबला करने के लिए सेना क्या कर रही है? इसके जवाब में लेफ्टिनेंट राजू ने कहा कि पाकिस्तान यह पचा नहीं पा रहा है कि कश्मीरी शांति से रह रहे हैं और कानून व्यवस्था बेहतर है.

उन्होंने कहा, ‘जब पूरी दुनिया कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए एक साथ आ रही है उस समय भी पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने में लगा है. सीमा पर तैनात हमारे सैनिक सभी साजोसामान से लैस हैं और किसी भी हरकत का माकूल जवाब देंगे.’


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लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि सेना पूरे पेशेवर तरीके से भारत और पड़ोसी क्षेत्रों में कोरोनावायरस की महामारी का मुकाबला कर रही है और इसके साथ-साथ नियंत्रण रेखा पर और अंदरुनी इलाके में नापाक मंसूबों को नाकाम कर रही है.

हाल में रियाज नायकू और जुनैद अशरफ शेरई सहित प्रतिबंधित हिज्बुल मुजाहिद्दीन के शीर्ष नेतृत्व को मार गिराए जाने पर लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने कहा कि गत एक वर्ष में सभी आतंकवादी समूहों के शीर्ष नेतृत्व को निशाने पर लेकर उनका प्रभावी तरीके से सफाया किया जा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘आतंकवादियों के नेतृत्व में शून्यता है और पाकिस्तान की आतंकवाद के जरिये अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने की रणनीति कमजोर पड़ रही है. आतंकवादी समूहों के नेतृत्व के सफाये के साथ ही विभिन्न समूहों में दरार पैदा हो गई है जो या तो अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं या कुछ बढ़त चाहते हैं.’

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