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Friday, 22 November, 2024
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1 जून से 200 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें शुरु करने की तैयारी में रेलवे, अगले 10 दिन में चलेंगी 2600 श्रमिक ट्रेनें

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा, 'भारतीय रेलवे ने 1 मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेनें शुरू की. इसमें सभी यात्रियों को मुफ्त भोजन और पीने का पानी उपलब्ध कराया गया. ट्रेनों और स्टेशनों में सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया जा रहा है.'

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नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने ट्रेनों की आगे की योजनाओं को लेकर मंत्रालय की स्थिति स्पष्ट की. रेलवे ने आगामी दस के लिए एक प्लान तैयार किया है. इसमें 2600 ट्रेनें चलाई जाएंगी. इसमें करीब 36 लाख यात्री सफर कर सकेंगे. वहीं 1 जून से 200 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें भी शुरू की जाएंगी. इसके लिए यात्री 30 दिन पहले एडवांस में रिजर्वेशन करा सकेंगे.

प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा, ‘भारतीय रेलवे ने 1 मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेनें शुरू की. इसमें सभी यात्रियों को मुफ्त भोजन और पीने का पानी उपलब्ध कराया गया. ट्रेनों और स्टेशनों में सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया जा रहा है. अभी तक रेलवे ने उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासी मजदूरों के लिए 80 प्रतिशत ट्रेन चलाई हैं, जरुरत पड़ी तो इन रुटों के लिए कुछ और ट्रेने चलाएंगे. एक अप्रैल से 22 मई तक मालगाड़ी आवागमन से 9.7 मिलियन टन खाद्यान्न की डिलीवरी सुनिश्चित की गई है. 22 मार्च से 3,255 पार्सल स्पेशल ट्रेनें का संचालन किया गया है.

यादव ने आगे कहा, सामान्य स्थिति की ओर लौटने के प्रयास में रेल मंत्रालय 1 जून से 200 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चलाएगा. राज्य सरकारों से समन्वय कर आने वाले 10 दिनों में 2600 ट्रेन चलाने की योजना है. इसमें करीब 36 लाख लोगों की यात्रा करवाएंगे. यदि किसी भी राज्य सरकार को आवश्यकता होती है, तो हम राज्य के भीतर ट्रेनें चलाने के लिए भी तैयार हैं. जब तक हर एक प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक नहीं पहुंचा देते तब तक रेलवे की श्रमिक स्पेशल ट्रेनें जारी रहेगी.


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उन्होंने कहा, ‘रेलवे ने पिछले चार दिनों में औसतन 260 यात्री ट्रेनें चलाई गईं है. 20 मई को सबसे ज्यादा 279 ट्रेनें चलाई गई है. श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का 85 प्रतिशत किराया केंद्र सरकार वहन कर रही है. 15 प्रतिशत किराया संबंधित राज्य सरकार दे रही है, शुरु-शुरु में कुछ संस्थाओं और एनजीओं ने भी लोगों के किराए में आंशिक योगदान दिया था. रेलवे ने हर जोन में आपात स्थिति में श्रमिकों के लिए ट्रेनों की व्यवस्था कर दी है. इसके अलावा नई दिल्ली से 15 प्रमुख शहरों में यात्रियों को ले जाने के लिए 12 मई से विशेष यात्री ट्रेनों की शुरुआत की गई है. आज तक 45 लाख से ज्यादा यात्री सफर कर चुके हैं, हर स्टेशन पर शारीरिक दूरी से जुड़े नियमों का पालन किया गया है.’

रेलवे के 17 अस्पतालों को कोविड केयर सेंटर बनाया

उन्होंने आगे कहा, अभी करीब 1 हजार टिकट बुकिंग काउंटर्स खुल चुके है. धीरे-धारे अन्य टिकट खिड़कियां खुलेगी. अभी केवल कंफर्म टिकट पर ही यात्रा की अनुमति दी गई है. एनरुट टिकट बिल्कुल मना किया हुआ है, बीच रास्ते में किसी भी यात्री को ट्रेन में चढ़ने की अनुमति नहीं दी गई है. इसलिए आरएसी टिकट के कंफर्म होने की पूरी संभावना है. वहीं लॉकडाउन से पहले जो टिकट का मूल्‍य था, आज भी वही है. किसी टिकट पर एक भी पैसा ज्यादा नहीं लिया जा रहा है. पश्चिम बंगाल और ओडिशा में साइक्लोन के कारण ट्रेने रुकी हुई है. हालात सामान्य होते ही ट्रेने फिर शुरु की जाएगी.

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा, रेलवे ने 17 अस्पतालों को कोविड केयर सेंटर के तौर पर तैयार किया गया है. 80 हजार बिस्तरों के साथ 5 पांच डिब्बों को कोविड देखभाल केंद्रों में बदला किया गया है. इन सभी के अलावा रेल मंत्रालय ने अपने वर्कशॉप्स में पीपीई किट, मास्क, सैनिटाइजर्स बना रहा है.

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