वाशिंगटन: अफगानिस्तान में उत्पीड़न का सामना कर रहे सिख और हिंदू समुदायों के साथ एकजुटता जताते हुए, डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार जो बाइडेन ने कहा कि एक गुरुद्वारे को निशाना बनाने समेत हाल ही में हुए हमले युद्ध से प्रभावित इस देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के ‘खतरनाक हालात’ को दिखाते हैं. साथ ही उन्होंने ट्रम्प प्रशासन से आपात शरणार्थी सुरक्षा के लिए अनुरोध पर विचार करने की अपील भी की.
पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा कि हिंदू और सिख समुदाय अफगानी हैं और देश की विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में अल्पसंख्यकों ने जिस भीषण उत्पीड़न का सामना किया है वह ऐसी त्रासदी है जिसका शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता.
बाइडेन ने एक ऑनलाइन मंच ‘मीडियम’ पर हाल ही में किए गए पोस्ट में कहा, ‘इस सप्ताह अस्पताल के एक मातृत्व वार्ड पर भयानक हमले समेत अफगानिस्तान में हाल ही में बढ़ी हिंसा के मद्देनजर मैं वहां सिखों और हिंदुओं के समक्ष उत्पन्न हालात को लेकर चिंता जताता हूं. इस हिंसा में मार्च में काबुल स्थित गुरुद्वारा हर राय साहिब में सिखों पर आतंकवादी हमला भी शामिल है. सिख और हिंदू अफगानिस्तान में रह रहे बाहरी लोग नहीं हैं.’
उन्होंने कहा, ‘मैं अफगानिस्तान में सिख और हिंदू समुदाय के साथ एकजुटता जताते हुए उनके परिवारों के लिए सुरक्षा और अपने धर्म को मानने की आजादी देने की मांग करता हूं और विदेश विभाग से आपात शरणार्थी सुरक्षा के अनुरोध पर विचार करने का आग्रह करता हूं.’
सिख अमेरिकी पैरोकार समूह ‘सिख कोलिशन’ ने एक बयान में बाइडेन की टिप्पणी का स्वागत किया है. यह समूह अमेरिका में सिखों के अधिकारों के लिए आवाज उठाता है.