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Wednesday, 27 November, 2024
होमदेशदिल्ली, मुंबई, कोलकाता में 15 मई तक कोविड-19 के मामलों में देखी जा सकती है तेजी: सरकारी अनुमान

दिल्ली, मुंबई, कोलकाता में 15 मई तक कोविड-19 के मामलों में देखी जा सकती है तेजी: सरकारी अनुमान

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रमुख शहर के जिलों में अनुमानित मामलों की संख्या की एक व्यापक सूची बनाई, और यह भी अनुमान लगाया है कि ये जिले बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की कमी का सामना कर सकते हैं.

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार के एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, कोलकाता के जिलों में 15 मई तक कोरोनावायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा सकती है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के प्रमुख शहर के जिलों में अनुमानित मामलों की संख्या की एक व्यापक सूची बनाई है, और यह भी अनुमान लगाया है कि ये जिले बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की कमी का सामना कर सकते हैं. राज्यों से एकत्र अधिकांश डेटा 28 अप्रैल तक के हैं. हालांकि, अप्रैल के पहले सप्ताह से कुछ डेटा अपडेट नहीं किए गए हैं.

सूत्रों के अनुसार केंद्र राज्य सरकारों से ये सूची साझा करेगी ताकि वो बुरी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हो सके.

एक राज्य के मुख्य सचिव ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, ‘यह नहीं कहा जा सकता कि आंकड़े इसी तरह के होंगे लेकिन ये एक अनुमान है जिससे कोई बुरी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हो सके’.

दिप्रिंट ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मेल और टेक्स्ट मैसेज के जरिए पहुंचने की कोशिश की लेकिन इस रिपोर्ट के छपने तक उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

पीआईबी के महानिदेशक कुलदीप धातवालिया ने दिप्रिंट को बताया कि इस प्रस्ताव के बाबत केवल स्वास्थ्य मंत्रालय ही बता सकता है.

केंद्र द्वारा गठित सशक्त समितियों के दो सचिवों ने कहा कि उन्होंने अभी तक प्रस्ताव नहीं देखा है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय नियमित रूप से अपने अनुमानों को अपडेट कर रहा है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय इन अनुमानों पर किस आधार पर पहुंचा है इसके बारे में उन्हें पता नहीं है.


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एक सचिव ने दिप्रिंट को बताया कि सरकार की थिंक-टैंक नीति आयोग ने भी भारत में कोविड-19 की स्थिति पर कुछ अनुमान लगाए हैं जो गणितीय मॉडल पर आधारित हैं.

सरकार की गणना क्या दर्शाती है

दिप्रिंट द्वारा खंगाले गए दस्तावेज के मुताबिक सरकार ने 15 मई तक कोविड-19 के कितने मामले आ सकते हैं इसकी गणना की है और कब तक कमी का सामना करना पड़ेगा. यहां कुछ अनुमान हैं:

महाराष्ट्र

मुंबई: संक्रमण के मामले 5,698 से बढ़कर 28,859 तक पहुंच सकते हैं. इसका मतलब ये है कि शहर में 11 मई से आइशोलेसन बेड और वेंटिलेटर की कमी हो जाएगी.

पुणे: मामले 1,088 से बढ़कर 3,949 तक पहुंच सकते हैं और शहर में 11 मई तक वेंटिलेटर की कमी हो सकती है.

थाने: मामले 780 से बढ़कर 4,181 तक बढ़ सकते हैं.

दिल्ली

यहां संक्रमण के मामले 2,632 से बढ़कर 5,537 तक पहुंच सकते हैं. हालांकि शहर में आइशोलेसन बेड और आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की कमी नहीं होगी.

गुजरात

अहमदाबाद: यहां संक्रमण के मामले चौगुने बढ़कर 2,180 से बढ़कर 9,168 तक पहुंच सकते हैं.

सूरत: मामले 536 से बढ़कर 2,873 तक जा सकते हैं और शहर में 14 मई तक आइशोलेसन बेड की कमी हो सकती है.

चेन्नई

यहां तेजी से मामलों में वृद्धि हो सकती है जो कि 496 से 3,507 तक पहुंच सकती है. शहर में 9 मई तक आइशोलेसन बेड की कमी होने की संभावना है.


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मध्य प्रदेश

इंदौर: मामले 1,208 से 2,489 तक पहुंच सकते हैं. दस्तावेज के मुताबिक जिले ने आइशोलेसन बेड के आंकड़ों को केंद्र से साझा नहीं किया है.

भोपाल: मामले 415 से बढ़कर 2,157 तक बढ़ सकते हैं लेकिन जिले में बेड और वेंटिलेटर की कमी होने का कोई अनुमान नहीं है.

उत्तर प्रदेश

कानपुर: मामले 170 से बढ़कर 3,463 तक जा सकते हैं और शहर में 4 मई तक वेंटिलेटर और 12 मई तक आईसीयू बेड की कमी हो सकती है. दस्तावेज के मुताबिक केंद्र के पास यहां के भी आइशोलेसन बेड से जुड़े अपडेटिड आंकड़े नहीं है.

आगरा: जिले में आईसीयू बेड की किल्लत 14 मई तक हो सकती है और मामले 371 से 1200 तक पहुंच सकते हैं. शहर ने वेंटिलेटर से जुड़े अपडेटिड आंकड़े साझा नहीं किए हैं.

कोलकाता

यहां मामले 316 से बढ़कर 2,394 तक जा सकते हैं और 8 मई तक आईसीयू की कमी हो सकती है. वेंटिलेटर की अपडेडिड आंकड़े यहां के भी मौजूद नहीं है.

आकंड़ों के दोगुने होनी की दर

अब तक केंद्र द्वारा आंकड़ों के दोगुने होने पर किए विश्लेषण ये दिखाता है कि उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर में ये दर 4.4 दिन है, आंध्र प्रदेश के कृष्णा में 5.1 दिन, पश्चिम बंगाल के कोलकाता में 6.3 दिन और तमिलनाडु के चेन्नई में 6.5 दिन है.

दोगुने होने की दर जितनी अधिक होगी वायरस के संक्रमण का फैलाव उतना कम होगा. जो ये दिखाता है कि बीमारी के फैलने का कर्व सिकुड़ रहा है.

सरकार के अनुमान के मुताबिक भारत में दोगुने होने की दर लगभग 10 दिन है.


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जिले जहां दोगुने होने का दर राष्ट्रीय औसत से कम है उनमें मुंबई और सबअर्बन (7.7), अहमदाबाद (8.7), थाने (7.4) और सूरत में 7.4 दिन, शामिल है.

दिल्ली में दोगुने होने की रफ्तार राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा है जो कि 16.8 दिन है. इंदौर में ये 17.3 दिन है. दूसरे जिलों जैसे कि हैदराबाद में 42.2 दिन, आगरा में 24.8 दिन और लखनऊ में 29 दिन है.

केरल के कसारगोड में दोगुने होने की रफ्तार सबसे ज्यादा है जो कि 122.9 दिन है जो ये दिखाता है कि संक्रमण के मामले धीमी गति से बढ़ेंगे.

(मौसमी दास गुप्ता के इनपुट के साथ)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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1 टिप्पणी

  1. Kolkata. Ka knockdown kb khulega hmlogo ko ghar jana h plz koi help kr do ab to paise v khatam ho gai khana v nhi raha kapde fat gaye h br br si kr pehanna padh raha h bemari se phele ye bebasi bukh tensan or ghar jane ki tadap maar dalegi koi help kr do mamta didi mi 19 year ki hu thoda taras krdo?

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