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Friday, 20 September, 2024
होमविदेशलॉकडाउन में ढील दे रहे देशों को डब्ल्यूएचओ ने दी चेतावनी और क्यों हो रही है भारतीय शांतिरक्षकों की तारीफ़ दुनिया में

लॉकडाउन में ढील दे रहे देशों को डब्ल्यूएचओ ने दी चेतावनी और क्यों हो रही है भारतीय शांतिरक्षकों की तारीफ़ दुनिया में

डब्ल्यूएचओ ने यह चेतावनी ऐसे समय में दी है जब सरकारें प्रतिबंधों में ढील देकर आर्थिक गतिविधियां चालू करने की योजना बना रही हैं.

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बैंकॉक: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंगलवार को सचेत किया कि कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों में ढील देने में जल्दबाजी करने से यह संक्रमण फिर से जोर पकड़ सकता है.

डब्ल्यूएचओ ने यह चेतावनी ऐसे समय में दी है जब सरकारें प्रतिबंधों में ढील देकर आर्थिक गतिविधियां चालू करने की योजना बना रही हैं.

डब्ल्यूएचओ के लिए पश्चिमी प्रशांत के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. ताकेशी कासेई ने कहा, ‘यह ढिलाई बरतने का समय नहीं है, बल्कि हमें निकट भविष्य के लिए जीवन जीने के नए तरीके को लेकर स्वयं को तैयार रखने की आवश्यकता है.’

उन्होंने कहा कि सरकारों को वायरस को फैलने से रोकने को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है और लॉकडाउन एवं सामाजिक दूरी बनाए रखने के अन्य कदमों को धीरे-धीरे हटाया जाना चाहिए. इसके साथ ही लोगों को स्वस्थ रखने एवं अर्थव्यवस्था को चालू रखने के बीच संतुलन कायम करने की आवश्यकता है.
बता दें कि भारत सरकार ने भी कई संस्थानों और काम काज में छूट दी है जिससे लोग भारी संख्या में घरों से बाहर निकले हैं. खबरें आ रही हैं कि देश के कई इलाकों और मंडियों में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाती दिखाई दी हैं. वहीं गाजियाबाद दिल्ली बॉर्डर पर कई किलोमीटर लंबा जाम देखने को मिला, बता दें कि गाजियाबाद के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने देर शाम ऑर्डर जारी कर दोनों राज्यों के बॉर्डर को सील कर दिया है क्योंकि सोमवार को कोरोना संक्रमण के छह मामले सामने आए ये वो व्यक्ति थे जो किसी न किसी काम से दिल्ली गए थे.

कोविड-19 संकट के दौरान भी मानवीय, स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं भारतीय शांतिरक्षक

विश्वभर में संयुक्त राष्ट्र मिशन के भारतीय शांतिरक्षक कोविड-19 के दौरान उत्पन्न खतरे के बावजूद स्थानीय समुदायों को आवश्यक मानवीय और स्वास्थ्य सहायता प्रदान कर रहे हैं.

दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (यूएनएमआईएसएस) में शांतिरक्षकों ने खोर अदर में एक महत्वपूर्ण सड़क चौराहे की मरम्मत की है, जिससे बुंज और मेल्यूत के बीच एक बार फिर सम्पर्क स्थापित हो गया है.

यूएनएमआईएसएस ने ट्वीट किया, ‘ यूएनएमआईएसएस कोविड-19 की चुनौतियों के बावजूद दक्षिण सूडान में स्थानीय समुदायों को मदद मुहैया करा रहे हैं. भारत से हमारे शांतिरक्षक ने एक महीने के अंदर एक प्रमुख चौराहे की मरम्मत कर दी है, जिससे मलाकाल के दो बड़े शहरों के बीच सड़क चालू हो गई है.’

यूएनएमआईएसएस की एक रिपोर्ट में कमान अधिकारी लेफ्टिनेंट-कर्नल एमपीएस घई के हवाले से कहा कि हाल ही में आई बाढ़ में पांच किलोमीटर लंबा प्रमुख चौराहा क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे बंत और मेल्युत के बीच सम्पर्क टूट गया था.

उन्होंने कहा, ‘हमें पता था कि हमें उनकी मदद करने के लिए जल्द से जल्द कुछ करना होगा.’

रोडवेज के पुनर्वास ने क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय समुदायों के लिए स्थितियों में सुधार करने में मदद की और मानवीय सहायता को तेजी से उन तक पहुंचाने में सक्षम बनाया.

घई ने कहा कि हमें भारतीय कर्मियों द्वारा दिखाई प्रतिबद्धता पर गर्व है, जिस तरह ‘उन्होंने अतिरिक्त घंटे काम किया और खराब मौसम में बिना कोई शिकायत किए अपनी सेवाएं दी. ’

मलाकाल के स्थानीय अधिकारी यूएनएमआईएसएस शांतिरक्षकों का शुक्रिया अदा करते हैं.

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