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Friday, 22 November, 2024
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राहुल की मोदी सरकार से मांग- कोरोना संक्रमण की इस घड़ी दौर में सैनेटाइज़र और मास्क पर जीएसटी लेना बंद करें

कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि जनधन खातों, किसान सम्मान निधि खातों, बुजुर्गों-विधवाओं और दिव्यांगों के पेंशन खातों में केंद्र सरकार 7500 रुपये डाले .

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नई दिल्ली: देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले को देखते हुए कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से एक के बाद एक कई मांगें रखी हैं. राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार से कोरोना संक्रमण रोकने के लिए प्रयोग में आने वाले सैनेटाइजर, साबुन, मास्‍क व अन्‍य सामान पर से जीएसटी हटाने की मांग की है. उन्होंने कहा ये जरूरी सामान है और इन सामानों पर अभी भी जीएसटी लिया जा रहा है. हमारी केंद्र सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द इन व​स्तुओं को जीएसटी फ्री कर दिया जाए.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बनाई गई 11 सदस्यीय ‘कंसल्टेटिव ग्रुप’ की पहली मीटिंग सोमवार को हुई. इसमें 11 सदस्यों ने भाग लिया. इस टीम की अध्यक्षता पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने की जबकि इन 11 सदस्यों में कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश सहित कई सदस्यों ने अपनी राय भी दी. कमेटी के सदस्य कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने वीडियो लिंक माध्यम से मीडिया से कहा, ‘केंद्र सरकार द्वारा जो अभी तक कदम उठाए गए है वह अपर्याप्त हैं. कांग्रेस पार्टी एमएसएमई, मजदूरों और किसानों को राहत देने के लिए अगले एक- दो दिनों में अपनी सिफारिश केंद्र सरकार को भेजेगी. कांग्रेस पार्टी की मांग है कि जनधन खातों, किसान सम्मान निधि खातों, बुजुर्गों-विधवाओं और दिव्यांगों के पेंशन खातों में 7500 रुपये डाले जाएं.’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘कोविड- 19 के इस मुश्किल वक्त में हम लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं कि इस महामारी के उपचार से जुड़े सभी छोटे-बड़े उपकरण जीएसटी मुक्त किए जाएं. बीमारी और ग़रीबी से जूझती जनता से सैनेटाइज़र, साबुन, मास्क, दास्ताने आदि पर जीएसटी वसूलना ग़लत है. हम ​जीएसटी फ्री कोरोना की मांग पर डटे रहेंगे.’

मोदी सरकार पहले भी मान चुकी है राहुल की मांग

बता दें कि इससे पहले भी राहुल गांधी ने बीते रविवार ट्वीट कर कहा था, ‘बड़े पैमाने पर आर्थिक सुस्ती ने कई भारतीय कॉरपोरेट जगत को कमजोर करके अधिग्रहण के लिए आकर्षक लक्ष्य बना दिया है. इस राष्ट्रीय संकट के समय सरकार को भारतीय कॉरपोरेट के ऊपर विदेशी नियंत्रण को अनुमति नहीं देनी चाहिए.’ जब राहुल की इस बात को मान लिया गया था तब राहुल गाधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी कहा था.

वही वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार को मीडिया से कहा, ’18 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बनाई गई 11 सदस्यीय ‘कंसल्टेटिव ग्रुप’ की पहली मीटिंग आज हुई है. इस बैठक में सभी 11 सदस्यों ने भाग लिया और मीटिंग की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने की. इसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई और अपनी राय भी दी.हमने तय किया है कि हर दो दिन के अंतराल पर सुबह 11 बजे इसी तरह से हम मिलते रहेंगे.अगर जरुरत पड़ी तो और पहले भी मिल सकते हैं.


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आज हुई पहली बैठक में एमएसएमई पर काफी विस्तार से बातचीत हुई.एमएसएमई सेक्टर में जो लघु क्षेत्र है, जो मध्यम क्षेत्र है, जो माइक्रो एंटरप्राइजेज हैं, जिसमें हमारे देश के ज्यादातर रोजगार उपलब्ध है. इनकी क्या कठिनाइयां हैं. राज्य सरकारों और केन्द्र सरकार की ओर से और खासकर केंद्र सरकार की वित्तीय संस्थाओ की ओर से इनको क्या और राहतें मिलनी चाहिए. इसके आधार हम एक दस्तावेज तैयार कर रहे हैं. अगले 1-2 दिन में केंद्र सरकार को हम इसे सौंपेंगे कि एमएसएमई क्षेत्र पर केंद्र सरकार की ओर से और क्या-क्या कदम उठाने की जरुरत है.राज्य सरकारों की भी इसमें भूमिका है. लेकिन प्राथमिक भूमिका केंद्र सरकार और केंद्र सरकार की वित्तीय संस्थाओं की है.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, इसके अलावा गेहूं,सरसों और चने की खरीद को लेकर चर्चा भी की गई.गेहूं, सरसों और चने का जो प्रिक्योरमेंट है, इस प्रिक्योरमेंट को कैसे आगे बढ़ाया जाए. जो तकलीफ हमें देखने को मिल रही है उसका सामना कैसे किया जाए.इस मामले पर भी अगले एक या दो दिन में एमएसएमई की रिपोर्ट के साथ-साथ प्रिक्योरमेंट के बारे में भी हमारी सिफारिशें हम लोग केन्द्र सरकार को सौपेंगे.

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बार-बार कहा है और आज भी उन्होंने दोहराया है कि हमें एक रचनात्मक तरीके से सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए. हमारी सरकार की नीतियों के प्रति कई विषयों पर हमारी राय अलग है. इसके बावजूद इस गंभीर स्थिति में रचनात्मक सहयोग देना कांग्रेस की नीति है.


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इसके अलावा बैठक में कैश ट्रांसफर का मुद्दा भी सदस्यों ने बैठक में उठाया. आज करोड़ों परिवार को तुरंत सरकारी राहत देने की जरुरत है.इस दिशा में हमारा मानना है कि प्रत्येक जनधन खाते में 7500 रुपए तुरंत डिपोजिट होने चाहिए. अब तक महिलाओं के नाम पर प्रत्येक जनधन खाते में सिर्फ 500 रुपए ही दिए गए हैं. वहीं कांग्रेस पार्टी की ये एक मांग यह भी है कि विधवाओं, विकलांगो और बुजुर्गों के पेंशन खाते में 7500 रुपए जाना जरुरी है. यानि कि डॉयरेक्ट कैश ट्रांसफर इन खातों में भी जाना जरुरी है.इसके अलावा पीएम किसान खाते में भी 7500 रुपए भेजा जाना चाहिए.

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