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Monday, 23 December, 2024
होमविदेशआईएमएफ ने कोविड-19 से निपटने के लिए पाकिस्तान को 1.4 अरब डॉलर की सहायता को दी मंजूरी

आईएमएफ ने कोविड-19 से निपटने के लिए पाकिस्तान को 1.4 अरब डॉलर की सहायता को दी मंजूरी

आईएमएफ का अनुमान है कि पाकिस्तान में मुद्रास्फीति की दर इस साल 11.1 प्रतिशत रहेगी. अगले साल इसके आठ प्रतिशत रहने का अनुमान है.

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नई दिल्ली: आईएमएफ ने पाकिस्तान को करीब 1.4 अरब डॉलर की आपातकालीन सहायता दिए जाने की मंजूरी दी है ताकि वह कोरोनावायरस वैश्विक महामारी के प्रभाव से निपट सके.

अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एक बयान में कहा, ‘अत्यधिक अनिश्चितता की स्थिति में निकट भविष्य में कोविड-19 का बहुत अधिक आर्थिक प्रभाव पड़ने की आशंका है जिसके कारण राजकोषीय एवं बाह्य वित्तीय आवश्यकताएं बढ़ेंगी.’

आईएमएफ ने चेताया, कोविड-19 की वजह से रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच सकता है पाकिस्तान का बजट घाटा

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान को आगाह किया है कि कोरोनावायरस महामारी की वजह से चालू वित्त वर्ष में उसका बजट घाटा राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के रिकॉर्ड 9.2 प्रतिशत या 4,000 अरब रुपये (23.7 अरब डॉलर) पर पहुंच सकता है.

आईएमएफ ने बुधवार को पश्चिम एशिया और मध्य एशिया क्षेत्रीय आर्थिक परिदृश्य (आरईओ) पर ताजा अनुमान जारी किया. आईएमएफ ने पाकिस्तान से कहा है कि वह स्वास्थ्य क्षेत्र पर अपना खर्च बढ़ाए, जो क्षेत्र में सबसे निचले स्तर पर है.

‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने रिपोर्ट के हवाले से कहा कि क्षेत्र के सभी देशों में इस वायरस की वजह से खर्च बढ़ेगा.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 से पहले पाकिस्तान का बजट घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 7.3 प्रतिशत पर रहने का अनुमान था. अब इसके बढ़कर 9.2 प्रतिशत पर पहुंचने की आशंका है. कुल मिलाकर पिछले अनुमान से यह करीब 800 अरब रुपये अधिक होगा.

आईएमएफ का अनुमान है कि पाकिस्तान में मुद्रास्फीति की दर इस साल 11.1 प्रतिशत रहेगी. अगले साल इसके आठ प्रतिशत रहने का अनुमान है.

वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि राजस्व झटके की वजह से बजट घाटा बढ़ने की आशंका है क्योंकि सरकार ने अभी तक बजटीय खर्च में कोई बड़ी वृद्धि नहीं की है. आईएमएफ का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2020-21 में बजट घाटा 6.5 प्रतिशत रहेगा, जो कोविड-19 से पहले के विश्लेषण से एक प्रतिशत अधिक होगा.

यह बजट घाटा पाकिस्तान के इतिहास का सबसे अधिक होगा. तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के सत्ता संभालने के पहले वर्ष में पाकिस्तान ने 28 बरस का सबसे ऊंचा बजट घाटा दर्ज किया था.

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