नई दिल्ली: सरकार ने बृहस्पतिवार को एक मोबाइल एप जारी की है जिससे लोगों को खुद ही कोरोनावायरस संक्रमण के खतरे और जोखिम का आकलन करने में मदद मिल सकेगी और यदि वे इस गंभीर वायरस से संक्रमित व्यक्ति के नजदीक आते हैं तो अधिकारियों को सतर्क कर सकते हैं. मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, एप केवल ताज़ा मामलों का पता लगाएगा और केवल उन्हीं लोगों को सतर्क करेगा जो संक्रमित व्यक्ति के आस-पास रह रहे हैं.
एक सरकारी बयान में कहा गया है, ‘इस एप का नाम, ‘आरोग्यसेतु’ रखा गया है, जो हर भारतीय के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए डिजिटल इंडिया में शामिल हुआ है. यह लोगों को खुद ही कोरोनावायरस संक्रमण को पकड़ने के जोखिम का आकलन करने लायक बनाएगा. यह दूसरों के साथ उनकी बातचीत के आधार पर गणना करेगा, इसमें आधुनिक ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी, एल्गोरिदम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग शामिल है.
आईटी मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति चिकित्सा परीक्षण के दौरान कोरोनावायरस से संक्रमित पाया जाता है तो संक्रमित व्यक्ति का मोबाइल नंबर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बनाए गए रजिस्टर में शामिल होगा और एप पर भी इस सूचना को अद्यतन किया जा जायेगा.
अब तक, देश में कुल 2,116 लोगों में कोरोनोवायरस संक्रमण का पता चला है, जिनमें से 150 ठीक हो गए हैं या उन्हें छुट्टी दे दी गई है. दुनियाभर में करीब 40 हजार लोगों की इस महामारी के कारण मौत हो चुकी है. भारत में 50 लोगों की अब तक कोरोनावायरस से मौत हुई है.
बयान में कहा गया है, ‘इस एप से कोविड-19 संक्रमण के जोखिम का आकलन करने और आवश्यक होने पर संबंधित व्यक्ति अथवा क्षेत्र को अलग करने के लिए सरकार को समय पर कदम उठाने में मदद मिलेगी.’ सरकार ने कहा कि एप में उपयोगकर्ताओं के लिए गोपनीयता को प्राथमिकता दी गयी है. एप द्वारा एकत्र किए गए व्यक्तिगत डेटा को ‘एन्क्रिप्ट’ किया गया है और यह तब तक फोन में सुरक्षित रहेगा जब तक कि चिकित्सा हस्तक्षेप की सुविधा के लिए इसकी आवश्यकता न हो.