scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमसमाज-संस्कृतिअटल-आडवाणी से लेकर इंदिरा-सोनिया तक भारतीय राजनेता कैसे मनाते आए हैं होली

अटल-आडवाणी से लेकर इंदिरा-सोनिया तक भारतीय राजनेता कैसे मनाते आए हैं होली

शायद ही देश के किसी यूनिवर्सिटी कैंपस में जेएनयू की तरह प्रेम और सद्भाव के वातावरण में होली खेली जाती हो. सब धाराओं-विचारधाराओं के स्टूडेंट्स मिलकर होली के रंग बिखेरते हैं.

Text Size:

दिल्ली में हाल ही में भड़के साम्प्रदायिक दंगों ने माहौल विषाक्त किया है लेकिन धीरे-धीरे फिजाओं में होली के रंग बिखर चुके हैं. गुलाल और गुजिया की खुशबू को हर तरफ महसूस किया जा सकता है. यूं तो राजधानी में होली मिलन के अनेक आयोजन होते रहे हैं और इस बार भी होंगे ही.

जब तक अटल बिहारी वाजपेयी रायसीना रोड के बंगले में रहे तब तक उधर होली का खूब धमाल होता रहा. वहां पर खूब मस्ती के साथ-साथ लजीज व्यंजन भी परोसे जाते थे. सबको खूब गुलाल लगाया जाता था. वाजपेयी के 1996 में पहली बार देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उनके आवास पर होली मिलन पहले जैसा ही होता रहा. अटल खुद सबको गुलाल लगाया करते थे. होली पर सुबह ही उनके अनन्य मित्र लाल कृष्ण आडवाणी, शिव शर्मा, एन.एम. घटाटे वगैरह घर पहुंच जाते थे. उसके बाद उनके सैकड़ों मित्र, प्रशंसकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के आने का सिलसिला जारी हो जाता था.

लाल कृष्ण आडवाणी के पृथ्वीराज रोड स्थित आवास पर भी होली बड़े प्रेम से खेली जाती है. बंगाली मार्केट की मशहूर मिठाई की दुकानों से गुजिया सबको खिलाई जाती है. आडवाणी के घर भी होली का रंग शालीनता के दायरे में ही रहता है. लालकृष्ण आडवाणी के पंडारा पार्क के सी- 1/6 वाले घर में भी होली हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती थी.

आडवाणी की शख्सियत धीर-गंभीर है पर वे होली मित्रों के साथ प्रेम से खेलते रहे हैं. होली पर उनके पास आने वाले तमाम मित्रों और पार्टी कार्यकर्ताओं का मुंह अवश्य मीठा कराया जाता है. होली खेलने के बाद सबके लिए भोजन की भी व्यवस्था रहती है. आडवाणी की पत्नी कमला आडवाणी (अब स्मृति शेष) सुनिश्चित करती थीं कि सब मेहमान भर पेट भोजन करके ही विदा हों.

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सरकारी आवास में आयोजित होने वाला होली मिलन का दिल्ली के राजनीतिक और सामाजिक जीवन में हैसियत रखने वालों के लिए विशेष महत्व रहता था. उसमें इंदिरा गांधी मेहमानों को गुजिया खिलवाती थीं. सारा होली मिलन काफी शालीन अंदाज में होता था. एक दौर में हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन सारे आयोजन को देखते थे.


यह भी पढ़ें: भारत के 20 बुद्धिजीवी, जिनकी बातों से ही दुनिया में कहीं भी तख्तापलट हो सकता है


बीते चंद एक सालों से रामविलास पासवान के जनपथ स्थित आवास पर भी होली का खूब रंग चढ़ता है. दिन में डेढ़-दो बजे तक होली खेलना जारी रहता है. रामविलास पासवान और उनके सांसद पुत्र चिराग मेहमानों को भिगोने में पीछे नहीं रहते.

पासवान की पड़ोसी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर खेली जाने वाली होली में शालीनता ही रहती है. हालांकि होली पर सोनिया गांधी लाल-पीली हो जाती हैं. मगर प्रियंका और राहुल गांधी होली को लेकर कोई बहुत उत्साहित नहीं होते.

जब एपीजे अब्दुल कलाम देश के राष्ट्रपति थे तब वे अपनी होली अलग अंदाज़ में मनाते थे. उन्होंने एक बार मानसिक तौर पर कमज़ोर बच्चों के साथ होली मनाई थी और खाटी दिल्ली वाले हकीम अब्दुल हामिद साहब के कौटिल्य मार्ग पर आयोजित होने वाले होली मिलन को याद करते हैं.

हकीम साहब हमदर्द दवाखाना के संस्थापक थे. हकीम साहब ने होली मिलन 1955 में चालू की थी. उसके बाद ये लगातार जारी रहा. इसमें तमाम देशों के राजदूतों के अलावा देश के चोटी के नेता, कवि, शायर और आम आदमी के लिए हकीम साहब के दरवाजे खुले होते हैं. सब एक-दूसरे से गले मिलते हैं.

हकीम साहब के होली मिलन में लाजवाब शर्बत के साथ-साथ मेहमान लजीज व्यंजनों के साथ मिठाई का भी लुत्फ ले सकते हैं. उनका तो साल 2001 में इंतकाल हो गया था, पर उसके बाद भी उनके घर में होली मिलन का सिलसिला जारी रहा.

एक दौर में शरद पवार, राजेश पायलट, लालकृष्ण आडवाणी, वी.सी.शुक्ल, खुशवंत सिंह, कुलदीप नैयर, शीला दीक्षित सरीखी हस्तियां हकीम साहब के होली मिलन में शिरकत करना फख्र महसूस करती थीं.

हकीम साहब ने इस परम्परा को इसलिए शुरू किया था ताकि दिल्ली में हिन्दू-मुसलमान अमन और प्रेम के साथ रहे.


यह भी पढ़ें: होली के त्योहार को बॉलीवुड ने सबसे ज्यादा दिया है भाव


इसके अलावा जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) की होली के भी क्या कहने. शायद ही देश के किसी यूनिवर्सिटी कैंपस में जेएनयू की तरह प्रेम और सद्भाव के वातावरण में होली खेली जाती हो. सब धाराओं-विचारधाराओं के स्टूडेंट्स मिलकर होली के रंग बिखेरते हैं. हालांकि कुछ साल कैंपस में होली के महत्व को लेकर कुछ विवादास्पद पोस्टर लगने से माहौल बिगड़ा अवश्य था. उन पोस्टरों में होली को दलित महिला विरोधी बताया गया था.

और हाल के सालों में कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला और भाजपा सांसद आर.के.सिन्हा के सरकारी आवासों में होने वाले होली मिलन की भी खासी धूम रहने लगी है. इनमें सभी दलों के नेता, सरकारी अफसर, पत्रकार वगैरह भाग लेते हैं. एयरटेल के चेयरमेन सुनील भारती मित्तल के अमृताशेर गिल मार्ग स्थित आवास में भी होली मिलन में दिल्ली के तमाम कॉरपोरेट जगत की हस्तियां मौजूद रहती हैं.

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं )

share & View comments