नई दिल्ली: मध्यप्रदेश में सियासी संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है. कमलनाथ सरकार ने दो दिन पहले हुए घटनाक्रम पर सरकार तो बचा ली लेकिन गुरुवार रात को एकबार फिर हालत अस्थिर होते नजर आ रहे हैं. कांग्रेस के विधायक हरदीप सिंह डंग ने विधानसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा दिया है. डंग ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष के साथ साथ राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी भेज दिया है.
दो अन्य कांग्रेसी विधायक बिसाहूलाल सिंह, रघुराज कसाना और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा के साथ हरदीप सिंह डंंग बेंगलुरू के होटल में है. कांग्रेस पार्टी का इन नेताओं से संपर्क भी नहीं हो पा रहा है. वहीं राज्य में आए सियासी उठापटक को संभालने के लिए मौजूदा मुख्यमंत्री कमलनाथ और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जुटे हुए हैं.
गुरुवार देर रात तक सीएम हाउस में वरिष्ठ मंत्रियों का दौर चलता रहा. वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के कुछ मंत्री और विधायक दिल्ली भी पहुंच गए है.
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नाम न छापने की शर्त पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने दिप्रिंट को बताया, ‘कमलनाथ सरकार किसी भी हालत में संकट में नहीं है. वरिष्ठ नेताओं की पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. ये सब भाजपा की साजिश है.’
कमलनाथ से मिले भाजपा विधायक
इधर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी में भी उठापटक का दौर जारी है. भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कौल के साथ कुछ और भाजपा विधायकों की भी कांग्रेस में जाने की बात जोर पकड़ रही है. गुरुवार रात को भाजपा विधायक त्रिपाठी और कौल ने सीएम कमलनाथ से उनके आवास पर मुलाकात की.
इसके बाद पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक संजय पाठक भी सीएम से मिलने पहुंचे. पाठक हार्स ट्रेडिंग में मुख्य भूमिका में रहे है. वहीं कांग्रेस सरकार ने दो दिन पहले ही उनकी कुछ खदान भी सील कर दी थी.
प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच भाजपा विधायक संजय पाठक ने एक वीडियों जारी कर कहा,’ मैं भाजपा में था भाजपा में हूं भाजपा में रहूंगा. सियासी कारणों से मेरी जान को खतरा हो सकता है.’
राज्यसभा का चुनाव और बजट सत्र में होगी सरकार की परीक्षा
जल्द ही विधानसभा में कांग्रेस सरकार की बहुमत परीक्षा भी हो सकती है. पहले विधानसभा और इसके बाद राज्यसभा चुनावों में उन्हें अपनी ताकत दिखाना ही होगी. 16 मार्च से विधानसभा का बजट सत्र शुरु होने जा रहा है. इसमें राज्य का बजट भी पेश किया जाएगा.
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इस सत्र में भाजपा वोटिंग की मांग कर सकती है. वहीं अविश्वास प्रस्ताव भी सरकार के खिलाफ ला सकती है.दोनों ही स्थिति में सरकार हारती है ते उसे इस्तीफा देना पड़ेगा. वहीं 26 मार्च को राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव भी है.यहां भी कांग्रेस पार्टी को अपनी ताकत दिखानी होगी.