scorecardresearch
Saturday, 16 November, 2024
होमराजनीतिआईआईएमसी से लेकर प्रसार भारती तक, शिक्षा और संस्कृति से जुड़े संस्थान पर है आरएसएस का कब्जा

आईआईएमसी से लेकर प्रसार भारती तक, शिक्षा और संस्कृति से जुड़े संस्थान पर है आरएसएस का कब्जा

केंद्र सरकार ने हाल ही में आईआईएमसी के महानिदेशक पद और प्रसार भारती के पहले भर्ती के बोर्ड प्रमुख पद पर संघ समर्थित लोगों को बैठाया है.

Text Size:

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार की शिक्षण और संस्कृति से जुड़ी संस्थाओं पर राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की लॉबी हावी होती दिखाई दे रही है. संस्थाओं के प्रमुखों की नियुक्तियों पर संघ की छाप नजर आने लगी है.

केंद्र सरकार ने हाल ही में आईआईएमसी के महानिदेशक पद और प्रसार भारती के पहले भर्ती के बोर्ड प्रमुख पद पर संघ समर्थित लोगों को बैठाया है.

वहीं,संस्कृति मंत्रालय की प्रमुख संस्थाएं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, ललित कला अकादमी और सांस्कृतिक स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र के प्रमुख पदों पर राष्ट्रीय स्वंय संघ की सिफारिश के लोग बैठाए गए है.

इस मामले में राष्ट्रीय स्वंय संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने दिप्रिंट से बातचीत में संघ के लोगों को शिक्षण व संस्कृति केंद्रों के अहम पदों पर बिठाए जाने की बात को न तो स्वीकार किया न अस्वीकार किया. उनका बस इतना कहना था,’इस मामले में सरकार निर्णय लेती है हम कुछ नहीं करते.’

आरएसएस विचारक शेषाद्रि चारी ने दिप्रिंट से कहा,’इस तरह के आरोप पूरी तरह से गलत है. कला और संस्कृति से जुड़ी सरकारी संस्थानों में नियुक्ति पूरी योग्यता के आधार पर की गई है न कि किसी संस्था की सदस्यता के आधार पर. अगर वे लोग कोई गलत काम कर रहे हैं या संस्था के अहित में काम कर रहे तो उन पर आरोप लगाया जा सकता है’.

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा,’कला और शिक्षा के क्षेत्र की जो संस्थाएं है इनमें मैरिट के आधार पर लोगों की नियुक्ति होनी चाहिए. जो व्यक्ति इन संस्थाओं पर काबिज है, क्या वह इन पदों के योग्य है. अगर वे अयोग्य होंगे तो  स्वाभाविक है वे रिमोट कंट्रोल से चलेंगे. यह सभी जानते है कि भाजपा और इन संस्थाओं का रिमोर्ट कंट्रोल नागपुर में है.’


यह भी पढ़ें: राम मंदिर के भूमि पूजन में और देरी हो सकती है, संतों के पत्र का अभी तक मोदी ने नहीं दिया है जवाब


प्रसार भारती भर्ती बोर्ड

हाल ही में केंद्र सरकार ने प्रसार भारती का पहला भर्ती बोर्ड स्थापित किया है. केंद्र सरकार ने भारत प्रकाशन के निदेशक जगदीश उपासने को इस भर्ती बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया है.

मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने जगदीश उपासने को राजधानी भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का कुलपति भी नियुक्त किया था.लेकिन जैसे ही राज्य की सत्ता पर कमलनाथ सरकार काबिज हुई उन्हें अपना इस्तीफा देना पड़ा.

जगदीश उपासने आरएसएस द्वारा प्रकाशित साप्ताहिक पत्रिका पांचजन्य के संपादक भी रह चुके हैं. उपासने संघ की मराठी लॉबी में अच्छी पकड़ रखते हैं. उपासने की मां रजनीताई उपासने संघ और भाजपा की पुरानी नेता है. वे विधायक भी रही है.

आईआईएमसी

कुछ दिनों पूर्व ही सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत स्वायत संस्था इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मास कम्युनिकेशन यानी आईआईएमसी का महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी को नियुक्त किया है. इनका कार्यकाल तीन साल का रहेगा. द्विवेदी वर्तमान में मध्यप्रदेश के भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति हैं.प्रोफेसर द्विवेदी शिक्षण के क्षेत्र में आने से पहले सक्रिय पत्रकारिता करते थे.

प्रोफेसर द्विवेदी अखिल विद्यार्थी परिषद् से जुड़े रहे है.संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों से उनकी नजदीकियां किसी से छिपी हुई नहीं है.

एमपी में कमलनाथ सरकार सरकार बनने के बाद द्विवेदी को संघ और भाजपा से निकटता के चलते साइडलाइन कर दिया गया था. वहीं द्विवेदी समेत कई प्रोफेसर पर ईओडब्ल्यू ने धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र की एफआईआर दर्ज भी की थी.मार्च 2020 में राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद उन्हें पत्रकारिता विवि का रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया था. कुछ दिन बाद ही उन्हें विश्वविद्यालय का प्रभारी कुलपति नियुक्त कर दिया गया.

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) में सदस्य सचिव के पद पर डॉ. सच्चिदानंद जोशी पदस्थ है. इसके साथ ही वे भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है. जोशी संघ की मराठी लॉबी के भी खास माने जाते हैं.

डॉ. जोशी की नियुक्ति 2016 में इंदिरा गांधी कला केंद्र में 5 वर्षों के लिए हुई. इसके पूर्व में दिपाली खन्ना इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में सदस्य सचिव थीं. इससे पहले डॉ.जोशी कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय कुलपति भी रह चुके हैं.

डॉ.जोशी भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है. और ये संगठन आरएसएस का अनुशांषिक संगठन है. इसलिए संगठन दैनिक गतिविधियों के चलते उनका संघ उच्च अधिकारियों से निरंतर संवाद होता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बनी नेहरू मेमोरियल म्यूज़ियम एंड लाइब्रेरी की कमेटी में डॉ. जोशी को सदस्य भी बनाया गया है.

आईजीएनसीए में निदेशक (प्रशासन) के पद पर ले.क. (सेवानिवृत्त) आर.ए. रांगणेकर मराठी होने की वजह से ये यहां पदस्थ किए गए है.


यह भी पढ़ें:कोरोना से हरिद्वार कुंभ भी संकट में, आयोजन का समय बढ़ाने को लेकर संतों में मतभेद 


सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र

डॉ. हेमलता एस मोहन को सांस्कृतिक स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र का अध्यक्ष  (सीसीआरटी) बनाया गया है. राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की सहयोगी संस्था संस्कार भारती के हस्तक्षेप के बाद इनकी नियुक्ति की गई है. झारखंड की रहने वाली डॉ. हेमलता एस मोहन पूर्व में झारखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष भी रह चुकीं है.

राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षाविद डॉ.हेमलता सूचना प्रसारण मंत्रालय के केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड, पूर्वी क्षेत्र, कोलकाता के सलाहकार पैनल के सदस्य भी रह चुकीं है.

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद्

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे विदेश मंत्रालय की भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के अध्यक्ष भी हैं. इसके पूर्व प्रोफेसर लोकेश चंद्रा इस पद 2014 से 2017 तक काबिज थे. चंद्रा के पूर्व कांग्रेस नेता डॉ.करण सिंह 2005 से 2014 तक इस पद पर थे.

मधुरभाषी सहस्त्रबुद्धे अपनी व्यवहार कुशलता के लिए न सिर्फ भारतीय जनता पार्टी बल्कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में भी जाने जाते हैं.संघ में शीर्ष अधिकारियों से इनके अच्छे संबंध किसी से छिपे नहीं है.

सहस्त्रबुद्धे फिल्हाल मध्यप्रदेश के भाजपा के प्रभारी और राज्यसभा सांसद भी है. एक मराठी होने के चलते संघ के मराठी नेताओं के विश्वासपात्र भी है.

संस्कार भारती का सांस्कृति मंत्रालय पर पूरा हस्तक्षेप

राष्ट्रीय स्वंय संघ की सहयोगी संस्था संस्कार भारती का संस्कृति मंत्रालय से जुड़े न्यासों, विभागों और कला अकादमी की नियुक्ति में पूरा दखल होता है.संस्कार भारतीय की स्थापना ललित कला के क्षेत्र में राष्ट्रीय चेतना लाने के उद्देश्य सामने रखकर की गई है.

समाज के वर्गों में कला के जरिए राष्ट्रभक्ति एवं योग्य संस्कार जगाने, विभिन्न कलाओं का प्रशिक्षण व नए कलाकारों को प्रोत्साहन देकर इनके माध्यम से ‘सांस्कृतिक प्रदूषण’ रोकने के उद्देश्य से संस्कार भारती कार्य कर रही है.

इनमें राष्ट्रीय गीत प्रतियोगिता,राष्ट्रभावना जगाने वाले नुक्कड़ नाटक, नृत्य, चित्रकला, काव्य-यात्रा, स्थान-स्थान पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन आदि कार्यक्रम का आयोजन संस्कार भारती द्वारा किया जाता है.

share & View comments

1 टिप्पणी

  1. Ye abhi janta ko gulaami ki ur leke jaa rahi hai janata ishi layak hai kyuki ache log ? ki koi value nhi hai india ma ऐसे he thodi angrejo ne 200 shal raaj kiya tha ??

Comments are closed.