नई दिल्ली: मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी के भीतर घमासान जारी है. इस लड़ाई में अब भारतीय जनता पार्टी भी कूद गई है. इंदौर से विधायक रमेश मेंदोला ने कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखकर उनके प्रति सहानुभूति जताई है. विधायक रमेश मेंदोला ने राज्य के सीएम कमलनाथ के व्यवहार की आलोचना करते हुए एक पत्र सिंधिया के नाम लिखा है.
विधायक मेंदोला ने अपने पत्र में लिखा है, ‘कांग्रेस के वचन पत्र की याद दिलाने पर सीएम कमलनाथ ने मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक तौर पर आपके साथ जैसा व्यवहार किया वो दु:खद है और पीड़ादायी है. उससे आपकी पीड़ा का अंदाजा लगाया जा सकता है.’
उन्होंने आगे लिखा है,’हनुमान जी को कलयुग का जागृत देव माना जाता है. हनुमान जी सभी से उनका संकट और पीड़ा हर लेते है. हनुमान चालीसा भी यही कहती है. संकट कटे मिटे सब पीरा— जो सुमरे हनुमत बलबीरा.’
@JM_Scindia जी कमलनाथजी का आपके प्रति व्यवहार पीड़ादायी है।हनुमान जी सबकी पीड़ा हरते है आप श्री पितरेश्वर हनुमान धाम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आइए।इस विराट प्रतिमा के समक्ष सुंदरकांड/हनुमान चालीसा का पाठ आपकी पीड़ा हरके आपकी पार्टी में हो रहे अन्याय से लड़ने की शक्ति देगा।#1 pic.twitter.com/f7bxet93PJ
— Ramesh Mendola, MLA, Indore (@Ramesh_Mendola) February 17, 2020
‘मुझे विश्वास है कि पीड़ा के इन क्षणों में हनुमान जी की भक्ति आपको शक्ति और साहस देगी. इस पत्र के माध्यम से मैं आपको इंदौर में पितेश्वर हनुमान धाम के सामारोह में आमंत्रित करता हूं.भाजपा महासचिव कैलाश विजवर्गीय के संकल्प के अनुरुप यहां अष्टधातु से निर्मित हनुमान जी की विश्व की सबसे विराट प्रतिमा स्थापित की गई है.’
विधायक रमेश मेंदोला ने आगे लिखा है कि,’ये आमंत्रतण बहुत ही शुभभाव से प्रेषित है. इसमें राजनीति या कोई और अर्थ मत तलाशियेगा.’
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के टीकमढ़ के एक गांव में अतिथि शिक्षकों को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता सिंधिया ने कहा था कि यदि सरकार पार्टी का घोषणापत्र को लागू नहीं करती है तो वह अपनी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने से भी पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने यह भी कहा था कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि जो मांग सरकार के जिस घोषणापत्र में है वह हमारे लिए हमारा ग्रंथ है.
इसके बाद जब मीडिया ने इस मामले में जब राज्य के सीएम कमलनाथ से सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब दिया था कि तो ‘उतर जाएं.’
इस बयान के बाद से ही राज्य में दो गुटों की ओर के बीच बयानबाजी का दौर जारी है.