नई दिल्ली: हिंदुत्व से संबंधित साहित्य और उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हैदराबाद स्थित एक डिजिटल प्लेटफॉर्म सफल साबित हो रहा है. पिछले सात महीने में इसने 15,000 से अधिक किताबें बेची हैं.
‘हिंदूईशॉप’ नामक इस वेब प्लेटफॉर्म को हैदराबाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ताओं के एक समूह की प्रेरणा से पिछले साल जून में शुरू किया गया था.
इस ऑनलाइन उद्यम को हैदराबाद स्थित अजेयम स्ट्रेटजी एंड मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी संचालित करती है. लेकिन कई आरएसएस स्वयंसेवक भी सोशल मीडिया पर और अन्य तरीकों से इसका प्रचार कर इस उद्यम की सफलता में योगदान दे रहे हैं.
अजेयम की निदेशक परिमला नादिमपल्ली ने कहा, ‘सात महीनों के भीतर हम 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ग्राहक बनाने में सफल रहे हैं और इस दौरान हमने राष्ट्रीय महत्व की 15,000 से अधिक किताबों की बिक्री की है.’
उन्होंने कहा, ‘हमने अच्छी किताबें पसंद करने वालों और उन लोगों के लिए एक ऑनलाइन हब बनाने के उद्देश्य से हिंदूईशॉप की शुरुआत की थी जो कि देश का गौरव बढ़ाने वाले उत्पाद खरीदना चाहते हैं. हम अपने इस छोटे से प्रयास को पूरे देश से समर्थन और प्यार मिलने पर बेहद खुश हैं.’
हिंदूईशॉप से निकट सहयोग करने वाले आरएसएस के एक पदाधिकारी ने बताया कि इस ऑनलाइन उद्यम को सिर्फ स्वयंसेवकों का ही नहीं, बल्कि आरएसएस से बाहर उनलोगों का भी समर्थन मिला है जो राष्ट्रीय जागरुकता एवं ‘धार्मिक’ विचारों को बढ़ावा देने में रुचि रखते हैं.
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आरएसएस पदाधिकारी ने आगे बताया, ‘यह पहल जून 2019 में ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी (15 जून) के दिन आरंभ हुई थी. हमारा मिशन है भरत को सांस्कृतिक रूप से जीवंत और मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं में राष्ट्रीय जागरूकता और धार्मिक मूल्यों को बढ़ावा देना.’
कला और शिल्प उत्पादों की उपलब्धता
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की सफलता से उत्साहित कंपनी ने अब ग्राहकों को कला और शिल्प के विभिन्न उत्पाद उपलब्ध कराने का फैसला किया है जो कि हिंदुत्व के संदेश को आगे बढ़ाएंगे.
इन उत्पादों को विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्थानीय कारीगरों से मंगाया जाएगा. वर्तमान में इस वेबसाइट पर अंग्रेजी, हिंदी, तेलुगु और कन्नड़ में किताबें उपलब्ध हैं, अन्य भाषाओं में भी पुस्तकें उपलब्ध कराने की योजना पर पहले से ही काम जारी है.
नादिमपल्ली ने कहा, ‘हमने कुछ बड़े प्रकाशकों के साथ-साथ ऐसे प्रकाशकों की किताबें भी उपलब्ध कराई हैं जो उतने बड़े नहीं हैं पर जिन्होंने महत्वपूर्ण किताबें प्रकाशित की हैं.’
वर्तमान में इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर 50 प्रकाशकों की किताबें उपलब्ध हैं. ये किताबें मुख्यतया हिंदू धर्म, कला एवं संस्कृति, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं जागरुकता, सामाजिक विज्ञान, इतिहास, शिक्षा, नीति, अर्थशास्त्र, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, योग और स्वास्थ्य से संबंधित हैं.
हिंदूईशॉप वेबसाइट कई अहम सामयिक मुद्दों पर भी किताबें भी उपलब्ध करा रही है.
इसके लिए किताबों के चयन के काम से जुड़े आरएसएस के एक अन्य पदाधिकारी ने कहा, ‘साथ ही, बड़ी संख्या में बच्चों और किशोरों के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाला साहित्य भी उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि उन्हें अतीत की स्पष्ट समझ के साथ सांस्कृति एवं सामाजिक मूल्यों से लैस किया जा सके.’
युवा पीढ़ी के लिए प्रसिद्ध प्राचीन साहित्य
आरएसएस के दूसरे पदाधिकारी ने कहा, ‘क्लासिक कृतियां व्यक्तित्व निखारने का एक शानदार माध्यम होती हैं. हमने इस तरह की ऐसी कुछ किताबों की पहचान की जो कि आज की पीढ़ी को अधिक ज्ञात नहीं है, और हमने इन किताबों के प्रकाशकों से संपर्क किया है.’
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उन्होंने आगे कहा, ‘हम केएम मुंशी की कृष्णावतार, चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती की द वेदाज़, आनंद कुमारस्वामी की डांस ऑफ शिवा, रबींद्रनाथ टैगोर की गीतांजलि, पॉल ब्रंटन की ए सर्च इन सीक्रेट इंडिया जैसी किताबें तथा पंचतंत्र और अन्य प्राचीन रचनाओं से ली गई कहानियां आदि उपलब्ध करा रहे हैं.’
टीम
वेबसाइट का संचालन पांच लोगों की एक टीम करती है. हालांकि, ‘हिंदूईशॉपमित्र’ (हिंदूईशॉप के दोस्त) की एक बड़ी टीम देश भर में इसके प्रचार में मदद कर रही है.
इसकी एक संपादकीय सलाहकार टीम भी है, जो किताबों का चयन करती है. वहीं प्रबंधन टीम प्रकाशकों के साथ समन्वय करती है और लॉजिस्टिक्स टीम खरीद और वितरण का काम देखती है.
इसके अतिरिक्त, सोशल मीडिया पर वेबसाइट को प्रचारित करने वाले स्वयंसेवक भी हैं. हिंदूईशॉप पर केएम मुंशी, सी राजगोपालाचारी, केएस लाल, डॉ. एस राधकृष्णन, कोनराड एल्स्ट, राजीव मल्होत्रा, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम समेत अनेक प्रमुख लेखकों की कृतियां मौजूद हैं.
(लेखक इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र के सीईओ और आरएसएस पर दो पुस्तकों के लेखक हैं. व्यक्त विचार उनके निजी हैं.)
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