नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बजट में कृषि और ग्रामीण विकास समेत किसी भी योजना के लिये आबंटन राशि में कोई कटौती नहीं की गयी है. उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर कल्याणकारी योजनाओं के लिये राशि बढ़ायी जा सकती है.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिये बजट में अगले साल के लिये कम प्रावधान किये जाने से जुड़े सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने यह बात कही.
बजट पेश करने के एक दिन बाद रविवार को संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने स्पष्ट कहा, ‘चाहे मनरेगा हो या फिर पीएम किसान (प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि) योजना, कोई भी प्रमुख योजना है, हमने किसी भी योजना के लिये बजट कम नहीं किया है बल्कि कई योजनाओं में राशि बढ़ाई गई है.’
बजट दस्तावेज के अनुसार मनरेगा के लिये 2020-21 में बजट आवंटन 61,500 करोड़ रुपये रखा गया है जबकि 2019-20 के संशोधित अनुमान में यह राशि 60,000 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के मुकाबले बढ़कर 71,001.81 करोड़ रुपये तक पहुंच गई.
सीतारमण ने कहा, ‘ये योजनाएं मांग आधारित है, इसमें कम ज्यादा आबंटन का सवाल नहीं है, जितनी मांग आएगी, उतना पैसा जारी किया जाएगा.’
मनरेगा योजना में तय बजट के मुकाबले चालू वित्त वर्ष में अधिक खर्च होने के मद्देनजर यह पूछे जाने पर कि क्या ग्रामीण क्षेत्रों में मांग बढ़ रही है. क्या लोग शहरों से गांवों की तरफ जा रहे हैं? जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि यदि ऐसा है तो इसका अध्ययन करेंगे. इस मुद्दे पर गौर करेंगे.
वहीं दूसरी तरफ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पीएम किसान के तहत चालू वित्त वर्ष के दौरान तय बजट के मुकाबले संशोधित अनुमान कम रहने के बावजूद 2020- 21 के लिये पिछले साल के बराबर 75,000 करोड़ रुपये का ही प्रावधान किया गया है. वर्ष 2019-20 में पीएम किसान योजना के तहत 75,000 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान के मुकाबले संशोधित अनुमान 54,370.15 करोड़ रुपये रहा है.
इस योजना के तहत पात्र किसानों को तीन समान किस्तों में कुल 6,000 रुपये सालाना दिये जाते हैं.
वित्त मंत्री ने कहा कि पीएम किसान हो, स्वास्थ्य क्षेत्र हो या शिक्षा क्षेत्र, कौशल विकास, आवास अथवा पानी उपलब्ध कराने की योजना हो किसी भी मद में आवंटन कम नहीं किया गया है. कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय के लिये 2.83 लाख करोड़ रुपये तय किये गये हैं.
बजट में 2020-21 के लिए सभी घरों में नज से शुद्ध पेयजल सुलभ कराने की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना के लिए 11,500 करोड़ रुपये, स्वच्छ भारत मिशन के लिए 12,300 करोड़ रुपये, शिक्षा क्षेत्र के लिए 99,300 करोड़ रुपये और कौशल विकास के लिए 3000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.