नयी दिल्ली: प्रवासी भारतीय जो विदेशों में कर का भुगतान नहीं करते हैं उन्हें अब भारत में कर देना होगा. शनिवार को 2020-21 केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने इसका प्रस्ताव किया है.
फिलहाल, अगर कोई भारतीय या भारतीय मूल का व्यक्ति प्रवासी भारतीय के दर्जे को बरकरार रखते हुए भारत में रहता है तो उस पर उसकी वैश्विक आय पर भारत में कोई कर देनदारी नहीं बनती है.
केंद्रीय बजट में अब प्रस्ताव किया गया है कि हर भारतीय नागरिक जो अपने निवास या प्रवास की वजह से किसी अन्य देश में कर देने के लिये पात्र नहीं है, उसे प्रवासी भारतीय माना जाएगा. फलत: उसकी वैश्विक आय भारत में कर योग्य होगी.
बजट में संबंधित निवास प्रावधान को कड़ा करते हुए इसमें भारतीय मूल के लोगों को गैर प्रवासी भारतीयों की श्रेणी में रखते हुए भारत में ठहरने की अवधि को भी मौजूदा 182 दिन से कम कर 120 दिन करने का प्रस्ताव किया है.
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा, ‘…कई मामलों में हमने पाया कि कुछ लोग किसी देश के निवासी नहीं है. वे अलग-अलग देशों में कुछ समय के लिये ठहरते हैं… कोई भी भारतीय नागरिक अगर वह किसी अन्य देश का नागरिक नहीं है, उसे भारतीय माना जाएगा और उसकी दुनियभर में होने वाली आय कर के दायरे में आएगी.’