बीजिंग: चीन में कोरोनावायरस के कहर से 41 लोगों की मौत हो चुकी है और 1287 लोगों के वायरस की चपेट में आने की पुष्टि हुई है.
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने शनिवार को घोषणा की कि 1,287 पुष्ट मामलों में से शुक्रवार रात तक 237 लोगों की हालत गंभीर बताई गई थी.
उसने बताया कि निमोनिया जैसे इस वायरस के चलते 41 मौतें हो चुकी हैं जिनमें चीन के मध्य हुबेई प्रांत में ही अकेले 39 मौतें हुई हैं और एक मौत उत्तरपूर्वी प्रांत हीलोंगजियांग में हुई है.
आयोग ने बताया कि कुल 1,965 संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट है.
यह वायरस बृहस्पतिवार तक हांगकांग, मकाऊ, ताइवान, नेपाल, जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, वियतनाम और अमेरिका तक फैल गया. जापान ने शुक्रवार को वायरस के दूसरे मामले की पुष्टि की.
इससे भारत के लिए चिंता पैदा हो गई है क्योंकि 700 भारतीय छात्र वुहान और हुबेई प्रांत के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं तथा अब भी वहां फंसे हुए हैं. भारतीय दूतावास ने उनसे करीबी संपर्क बनाने के लिए हॉटलाइन्स स्थापित की हैं.
तेजी से फैल रहे कोरोनावायरस से निपटने के लिए चीन ने वुहान में 1,000 बिस्तर वाला अस्पताल बनाना शुरू कर दिया है जिसके दस दिन से कम समय में तैयार होने की उम्मीद है.
उसने वुहान तथा हुबेई प्रांत के 12 अन्य शहरों में इलाज के लिए सैन्य चिकित्सकों को तैनात करना भी शुरू कर दिया है. वुहान और हुबेई में सभी सार्वजनिक यातायात पूरी तरह से बंद हैं.
इस वायरस के चलते आज से शुरू हुए चीन के नववर्ष का जश्न भी फीका हो गया है.
वायरस के खौफ के चलते बीजिंग समेत कई शहरों में विशेष कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है. इस उत्सव को वसंत महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है. वायरस को फैलने से रोकने के लिए बीजिंग में कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है.
चीन के सबसे बड़े शहर शंघाई ने बीजिंग, हुबेई, हुनान, झेजियांग, अन्हुई और ग्वांगदोंग प्रांतों के बाद सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा की आपात प्रतिक्रिया का स्तर बढ़ाकर एक कर दिया है.
आधिकारिक मीडिया ने बताया कि बीजिंग में कोरोनावायरस संक्रमण के 34 मामलों की पुष्टि हुई है.
इस वायरस के प्रकोप के बीच चीन और अमेरिका के शोधकर्ता जानलेवा नये कोरोनावायरस के खिलाफ टीका बनाने पर एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
अभी इस वायरस का कोई इलाज नहीं है. इस वायरस के निमोनिया जैसे लक्षण हैं और यह मनुष्यों के बीच संक्रामक रोग है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इतनी अधिक संख्या में मौतों के बावजूद बृहस्पतिवार को इस वायरस को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित करने का कदम रोक दिया.