दावोस: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनके इराकी समकक्ष बरहम सालेह ने इराक में अमेरिकी सेना की भूमिका को जारी रखने को लेकर बुधवार को सहमति जतायी.
अमेरिका के ईरानी जनरल की बगदाद में हत्या किए जाने के बाद, इराकी संसद में अमेरिकी सैनिकों को वापस भेजे जाने की मांग के बाद दोनों नेताओं के बीच पहली बार स्विट्जरलैंड के दावोस में मुलाकात हुई.
दोनों यहां विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे हैं.
व्हाइट हाउस ने कहा, ‘दोनों नेता आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई समेत अमेरिका और इराक की आर्थिक तथा सुरक्षा साझेदारी को जारी रखने पर सहमत हो गए हैं. ’
उसने कहा, ‘ राष्ट्रपति ट्रम्प ने संप्रभु, स्थिर और समृद्ध इराक को लेकर अमेरिका की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया.’
अमेरिका के बगदाद में ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या करने के बाद दोनों देशों में तनाव उत्पन्न हो गया था. ईरान में जनरल की हत्या का बदला लेने के लिए इराक में अमेरिकी ठिकानों पर रॉकेट दागे थे.
इसके बाद इराक की संसद ने देश में अमेरिकी सेना की मौजूदगी समाप्त करने की अपील संबंधी प्रस्ताव के पक्ष में पांच जनवरी को मतदान किया था. प्रस्ताव का मुख्य लक्ष्य अमेरिका को इराक के विभिन्न हिस्सों में मौजूद करीब 5,200 अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने को कहना था.
सालेह के कार्यालय से जुड़े सूत्रों ने ‘एएफपी’ को बताया कि उन्होंने ट्रम्प से अमेरिकी ड्रोन हमले के साथ ही बल को वापस बुलाने के मुद्दे पर बातचीत की.
सूत्रों ने बताया कि ट्रम्प ने सालेह से कहा कि वह ‘इराक में नहीं रहना चाहते’ और ‘अभूतपूर्व तरीके ’ से बलों को वापस बुलाएंगे.
सालेह ने दावोस में नेताओं से कहा था कि संसद में हुआ मतदान ‘कृतघ्नता या शत्रुता का संकेत’ नहीं है, बल्कि उनकी देश की संप्रभुता के उल्लंघन का जवाब है.