लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर बांटो और राज करो की राजनीति करने के आरोप लगाते हुए कहा कि असम में लोगों के बीच आपसी मतभेद पैदा कर दिए गए हैं.
अखिलेश ने कहा, ‘हम चाहते थे कि जाति आधारित जनगणना हो जाए, लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं होने दिया और आंकड़े भी बाहर नहीं आए. वे जानते हैं कि जिस दिन इस देश की जातियों की गिनती हो जाएगी उस दिन हिन्दू-मुसलमान का झगड़ा खत्म हो जाएगा.’
बसपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने सोमवार को सपा की सदस्यता हासिल की. पूर्व मंत्री राम प्रसाद चौधरी समेत कई पूर्व विधायकों ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता हासिल की.
उन्होंने पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुये सोमवार को कहा, ‘संविधान में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं था, इन्होंने धर्म के नाम पर बंटवारा कर दिया. असम के एक हिस्से में सीएए लागू नहीं है और उस हिस्से में कोई भी जाना चाहेगा तो उसे परमिट चाहिये होगा. कश्मीर से 370 हटा दिया गया तो वहां कोई भी जा सकता है तो फिर असम में अगर हम जायेंगे तो हमें परमिट चाहिये होगा. पूर्वोत्तर के बहुत से हिस्से हैं जहां बिना परमिट के नहीं जा सकते हैं. पूरे देश को उलझा दिया है.’
उन्होंने कहा कि हमने लैपटॉप दिए, इन्होंने शौचालय दिया. नोटबंदी से देश को लाइन में लगा दिया. अब फिर देश को लाइन में लगाने के जुगाड़ में हैं.
उन्होंने कहा, ‘अब नयी तैयारी कर दी गई है. सब लगेंगे कागज के लिये लाइन में, पहले नोट के लिये लगे थे लाइन में . हम जानना चाहते हैं कि सीएए क्या है, एनआसी क्या है.’
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री नाम बदलने में माहिर हैं. हाल ही में उन्होंने घाघरा का नाम बदलकर सरयू कर दिया. घाघरा का नाम हमारे पूर्वजों ने दिया था . क्या नाम बदलने से नदी का पानी बदल जायेगा.