बेंगलुरु: भारत ने ‘उच्च गुणवत्ता’ वाले संचार उपग्रह जीसैट 30 का फ्रेंच गुयाना से बृहस्पतिवार देर रात सफल प्रक्षेपण किया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
एरियन 5 प्रक्षेपण यान के जरिए भेजा गया यह उपग्रह उच्च गुणवत्ता वाली टेलीविजन, दूरसंचार एवं प्रसारण सेवाएं मुहैया कराएगा.
इसरो ने यहां बताया कि जीसैट-30 उपग्रह ने भारतीय समयानुसार देर रात दो बजकर 35 मिनट पर दक्षिण अमेरिका के उत्तरपूर्वी तट पर फ्रांसीसी क्षेत्र कौरू के एरियर प्रक्षेपण परिसर से उड़ान भरी. एरियन 5 यान ने करीब 38 मिनट की निर्बाध उड़ान के बाद उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया.
इसरो ने ट्वीट किया, ‘जीसैट 30 एरियन 5 के ऊपरी चरण से सफलतापूर्वक अलग हो गया.’
एरियनस्पेस के सीईओ स्टीफन इस्राइल ने सफल प्रक्षेपण की पुष्टि करते हुए ट्वीट किया, ‘2020 की मजबूत शुरुआत. एरियन 5 ने दो उपग्रहों यूटेलसैट कनेक्ट और जीसैट 30 को उनकी भूस्थिर अंतरण कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया. मैं इस मिशन पर भरोसा करने के लिए दोनों ग्राहकों यूटेलसैट और इसरो दोनों की सराहना करता हूं.’
India's communication satellite #GSAT30 was successfully launched into a Geosynchronous Transfer Orbit by #Ariane5 #VA251.
Thanks for your support !!!
For details please visit: https://t.co/FveT3dGuo6
Image Courtesy: Arianespace pic.twitter.com/67csn0zZq7
— ISRO (@isro) January 16, 2020
इसरो के यू आर राव उपग्रह केंद्र के निदेशक पी कुन्हीकृष्णन ने इस सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो समुदाय और एरियनस्पेस टीम को बधाई दी. कुन्हीकृष्णन इस मौके पर कौरू में ही मौजूद थे.
उन्होंने इस प्रक्षेपण को इसरो के लिए 2020 की ‘शानदार शुरुआत’ बताते हुए कहा, ‘मास्टर कंट्रोल सुविधा में मिशन टीम उपग्रह के संपर्क में हैं और वे जल्द ही प्रक्षेपण के बाद के अभियान पूरे करेंगे.’
जीसैट 30 उपग्रह का वजन 3,357 किलोग्राम है. इसे इसरो के संवर्धित ‘आई-2के बस’ में संरूपित किया गया है. यह उपग्रह भू-स्थिर कक्षा में सी और के.यू.बैंड क्षमता को बढ़ायेगा .
जीसैट 30 इनसैट/जीसैट उपग्रह श्रृंखला का उपग्रह है और यह 12 सी और 12 केयू बैंड ट्रांस्पॉन्डरों से लैस है.
इसरो ने कहा कि जीसैट-30 इनसैट-4 ए की जगह लेगा और उसकी कवरेज क्षमता अधिक होगी. यह उपग्रह केयू बैंड में भारतीय मुख्य भूमि और द्वीपों को, सी बैंड में खाड़ी देशों, बड़ी संख्या में एशियाई देशों और आस्ट्रेलिया को कवरेज प्रदान करेगा.
उसने बताया कि 15 वर्ष की मिशन अवधि वाला जीसैट 30 उपग्रह डीटीएच, टेलीविजन अपलिंक और वीसैट सेवाओं के लिए एक क्रियाशील संचार उपग्रह है.
इसरो ने कहा कि जीसैट -30 के संचार पेलोड को इस अंतरिक्ष यान में अधिकतम ट्रांसपॉन्डर लगाने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है.
उसके अनुसार उसका उपयोग व्यापक रूप से वीसैट नेटवर्क, टेलीविजन अपलिंकिंग, टेलीपोर्ट सेवाएं, डिजिटल सैटेलाइट खबर संग्रहण (डीएसएनजी) , डीटीएच टेलीविजन सेवाओं आदि के लिए किया जाएगा.
यूटेलसैट कनेक्ट को एरियन 5 पेलोड प्रबंधन में ऊपर रखा गया था और उड़ान भरने के 27 मिनट बाद इसे जीसैट 30 से पहले छोड़ा गया.
भारत के परीक्षणात्मक संचार उपग्रह एप्पल का 1981 में एरियन फ्लाइट एल03 से प्रक्षेपण किए जाने के बाद से एरियनस्पेस ने इसरो के लिए जीसैट 30 समेत 24 उपग्रहों को उनकी कक्षा में स्थापित किया है.