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Thursday, 21 November, 2024
होमराजनीतिइंदिरा पर दिए बयान के बाद राउत ने लिया यू टर्न, फडणवीस ने पूछा: क्या अंडरवर्ल्ड से कांग्रेस को मिलता था पैसा?

इंदिरा पर दिए बयान के बाद राउत ने लिया यू टर्न, फडणवीस ने पूछा: क्या अंडरवर्ल्ड से कांग्रेस को मिलता था पैसा?

राउत ने हालांकि अपना बयान वापस लेने से पहले कहा था कि मुम्बई के इतिहास की समझ ना रखने वालों ने उनके बयान को ‘तोड़-मरोड़’ डाला और करीम लाला पठान समुदाय का प्रतिनिधि करते थे इसलिए गांधी ने उनसे मुलाकात की थी.

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नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गैंगस्टर करीम लाला से मुलाकात की शिवसेना नेता संजय राउत की टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बीच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस को ‘मुम्बई के अंडरवर्ल्ड से पैसा मिलता था?.’

भाजपा नेता देवेन्द्र फडणवीस ने यह सवाल भी किया कि क्या (उस समय) यह राज्य में ‘राजनीति के अपराधीकरण’ की शुरुआत थी और क्या कांग्रेस ने मुम्बई में हमला करने वालों का ‘साथ ’ दिया था.

भाजपा नेता ने कांग्रेस नेतृत्व से राउत के बयान पर सफाई मांगते हुए कहा कि उनकी पार्टी ऐसे ‘‘आरोपों’’ पर चुप क्यों है.

उन्होंने कहा, ‘ संजय राउत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बारे में एक बड़ा खुलासा किया. वह मुम्बई क्यों आती थी और क्या कांग्रेस को मुम्बई के अंडरवर्ल्ड से पैसा मिलता था? क्या यह राज्य में राजनीति के अपराधीकरण की शुरुआत थी?’

पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी पूछा कि क्या उन दिनों कांग्रेस को चुनाव जीतने के लिए बाहुबल की जरूरत थी?

फडणवीस ने राउत को यह कहते हुए उद्धृत किया कि अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा शकील और दाऊद इब्राहिम तय करते थे कि ‘ पुलिस आयुक्त कौन होगा, साथ ही ‘मंत्रालय’ (राज्य सचिवालय) में नियुक्ति भी…’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, शीर्ष नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को इन सवालों के जवाब देने चाहिए.

फडणवीस ने कहा, ‘ उनकी शीर्ष नेता पर ऐसे आरोप लगने के बाद भी कांग्रेस के नेतागण क्यों चुप है.’

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता ने पूछा, ‘ क्या कांग्रेस ने मुम्बई हमलों का समर्थन किया? कांग्रेस इस पर सफाई क्यों नहीं दे रही?’

गौरतलब है कि पुणे में लोकमत मीडिया समूह के एक कार्यक्रम के दौरान दिए एक साक्षात्कार में राउत ने दावा किया था, ‘ जब (अंडरवर्ल्ड डॉन) हाजी मस्तान मंत्रालय आए थे, तो पूरा सचिवालय उन्हें देखने नीचे आ गया था. इंदिरा गांधी पायधुनी (दक्षिण मुम्बई) में करीम लाला से मिला करती थीं.’

राउत ने वापस लिया अपना बयान

राउत ने हालांकि अपना बयान वापस लेने से पहले कहा था कि मुम्बई के इतिहास की समझ ना रखने वालों ने उनके बयान को ‘तोड़-मरोड़’ डाला और करीम लाला पठान समुदाय का प्रतिनिधि करते थे इसलिए गांधी ने उनसे मुलाकात की थी.

कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा और संजय निरुपम ने राउत के बयान की निंदा की और उनसे बयान वापस लेने की मांग भी की थी.

राउत ने बयान वापस लेते हुए कहा, ‘ अगर किसी को लगता है कि मेरे बयान से इंदिरा गांधी की छवि को नुकसान पहुंचा या किसी की भावनाएं आहत हुईं, तो मैं उसे वापस लेता हूं.’

राज्यसभा सांसद ने कहा, ‘ मैंने पहले भी उनका (गांधी का) पक्ष लिया है और उन लोगों से लड़ा हूं जिन्होंने उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया. जबकि कुछ मामलों में तो, कुछ कांग्रेस नेताओं ने भी चुप्पी साधे रखी.’


य़ह भी पढ़ें: संजय राउत के बयान पर कांग्रेस का हमला, इंदिरा के खिलाफ दुष्प्रचार करेंगे तो उन्हें पछताना पड़ेगा


गौरतलब है कि पुणे में लोकमत मीडिया समूह के एक कार्यक्रम के दौरान दिए एक साक्षात्कार में राउत ने दावा किया था, ‘ जब (अंडरवर्ल्ड डॉन) हाजी मस्तान मंत्रालय आए थे, तो पूरा सचिवालय उन्हें देखने नीचे आ गया था. इंदिरा गांधी पायधुनी (दक्षिण मुम्बई) में करीम लाला से मिला करती थीं.’

उन्होंने यह भी कहा था कि ‘ वे (अंडरवर्ल्ड) ही यह तय करते थे कि मुम्बई पुलिस आयुक्त कौन होगा और कौन मंत्रालय में नियुक्त होगा.’

करीम लाला, मस्तान मिर्जा उर्फ हाजी मस्तान और वरदराजन मुदलियार मुम्बई के बड़े माफिया सरगना थे, जो 1960 से लेकर अस्सी के दशक तक सक्रिय रहे.

इससे पहले आज गरुवार सुबह राउत ने अपने बयान का बचाव करते हुए ट्वीट किया था, ‘ करीम लाला पठान समुदाय के नेता थे और ‘पख्तून-इ-हिन्द’ नाम के संगठन का नेतृत्व करते थे. इसलिए पठान समुदाय के नेता के तौर उन्होंने इंदिरा गांधी सहित कई शीर्ष नेताओं से मुलाकात की. बहरहाल, जिन्हें मुम्बई के इतिहास की जानकारी नहीं है, वे मेरे बयान को तोड़-मरोड़ रहे हैं.’

राज्यसभा सांसद ने अन्य एक ट्वीट में शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजीव सातव को टैग करते हुए कहा, ‘ मैं लौह महिला के रूप में इंदिरा गांधी की प्रशंसा करने से कभी नहीं कतराया, जो कड़े निर्णय लेती थीं. ताज्जुब की बात यह है कि जो लोग इंदिरा जी का इतिहास नहीं जानते वे ही हल्ला मचा रहे हैं. ’

वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सवाल उठाया कि क्या (उस समय) यह राज्य में ‘राजनीति के अपराधीकरण’ की शुरुआत थी और क्या कांग्रेस ने मुम्बई में हमला करने वालों का ‘ साथ ’ दिया था.

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