नई दिल्ली: देश में चार से आठ वर्ष के आयु वर्ग के नब्बे प्रतिशत से अधिक बच्चों का नामांकन किसी-न-किसी स्कूलों में किया जाता है जबकि सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने के मामले में लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में अधिक होती है.
यह जानकारी मंगलवार को जारी 14वीं शिक्षा वार्षिक स्थिति रिपोर्ट (एएसईआर) में सामने आई है.
एएसईआर 2019 की रिपोर्ट देश के 24 राज्यों के 26 जिलों में किए गए सर्वेक्षण के आधार पर तैयार की गई है जिसमें 4-8 वर्ष की आयु के 36,000 से अधिक बच्चों को शामिल किया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, ‘4-8 वर्ष के आयु वर्ग के 90 प्रतिशत से अधिक बच्चों का दाखिला किसी न किसी स्कूलों में कराया गया है यह अनुपात उम्र के साथ बढ़ता है, चार-वर्षीय आयु वर्ग के बच्चों में यह संख्या 91.3 प्रतिशत है जबकि आठ-वर्षीय आयु वर्ग के बच्चों में यह संख्या 99.5 फीसदी है.’
रिपोर्ट के अनुसार पांच वर्ष की आयु में, 70 प्रतिशत बच्चों का नामांकन आंगनवाड़ी केंद्रों या प्री प्राइमरी कक्षाओं में है, जबकि 21.6 प्रतिशत बच्चों का दाखिला कक्षा एक में हुआ है. छह साल की उम्र में, 32.8 प्रतिशत बच्चे आंगनवाड़ी केंद्रों या प्री-प्राइमरी कक्षाओं में हैं, जबकि 46.4 फीसदी बच्चे कक्षा एक में हैं और 18.7 फीसदी बच्चे कक्षा दो या उससे बड़ी कक्षा में हैं.’
रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी और निजी संस्थानों में दाखिला लेने वाले बच्चों के बीच लिंग का भी अंतर दिख रहा है.
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सरकारी संस्थानों में दाखिला लेने वाली लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में अधिक है, जबकि निजी संस्थानों में दाखिला लेने वाली लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में कम है.’