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Monday, 23 December, 2024
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जीडीपी की वृद्धि दर 2019-20 में घटकर पांच प्रतिशत पर आने का अनुमान

चालू वित्त वर्ष में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर दो प्रतिशत पर आने का अनुमान है. इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 6.2 प्रतिशत रही थी.

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नई दिल्ली : देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2019-20 में घटकर पांच प्रतिशत पर आने का अनुमान है. सरकारी आंकड़ों में यह अनुमान लगाया गया है. इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रही थी.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने मंगलवार को राष्ट्रीय आय का पहला अग्रिम अनुमान जारी किया. इसमें कहा गया है कि आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट की प्रमुख वजह विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर घटना है. चालू वित्त वर्ष में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर दो प्रतिशत पर आने का अनुमान है. इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 6.2 प्रतिशत रही थी.

अग्रिम अनुमान के अनुसार कृषि, निर्माण और बिजली, गैस और जलापूर्ति जैसे क्षेत्रों की वृद्धि दर भी नीचे आएगी.

वहीं खनन, लोक प्रशासन और रक्षा जैसे क्षेत्रों की वृद्धि दर में मामूली सुधार का अनुमान है.

गोवा की जीडीपी वृद्धि दर 9.8 प्रतिशत रहने का अनुमान

गोवा की राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 2018-19 में करीब 9.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. इसके मुताबिक राज्य की प्रति व्यक्ति आय 5.04 लाख रुपये रही जो कि देश में सबसे अधिक है.

गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मंगलवार को राज्य विधानसभा के एक दिन के विशेष सत्र को संबोधित करते हुये कहा कि राजस्व स्त्रोतों में कमी, वैश्विक आर्थिक नरमी और खनन गतिविधियों पर रोक के बावजूद गोवा ने आर्थिक प्रगति हासिल की है.

राज्यपाल ने कहा कि गोवा के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 2017-18 (अनंतिम) में 11.08 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है जबकि 2018-19 में त्वरित अनुमान के मुताबिक प्रति व्यक्ति आय 5.04 लाख रुपये सालाना के साथ राज्य की वृद्धि दर करीब 9.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.

उन्होंने कहा कि गोवा की प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे ज्यादा है, यह राष्ट्रीय औसत के तीन गुने से अधिक है. यह एक मजबूत और बेहतर अर्थव्यवस्था की ओर से इशारा करती है.

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ‘राज्य के राजस्व में सुधार के लिए बारीकी से काम कर रही है.’

राज्यपाल ने सदन को बताया , ‘जीएसटी के जरिये दिसंबर 2019 तक 2558.40 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह हुआ. जबकि आबकारी उत्पाद शुल्क संग्रह 7.6 प्रतिशत बढ़कर दिसंबर 2019 तक 351.55 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.’

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