नई दिल्ली: 5 अगस्त के बाद से कम से कम 55 आतंकवादी जम्मू और कश्मीर में घुसने में कामयाब रहे हैं. जब नरेंद्र मोदी सरकार जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के अपने फैसले की घोषणा कर रही थी.
भारतीय खुफिया एजेंसी मल्टी एजेंसी सेंटर (एमएसी ) के असेसमेंट के अनुसार एक जनवरी 2019 के बाद से कश्मीर में करीब 114 आतंकी घुसे हैं जिसमें से 55 ने सिर्फ 5 अगस्त के बाद सीमा में प्रवेश किया है.
हालांकि, सेना के सूत्रों ने इन आंकड़ों को चुनौती दी है और कहा है कि हमारे हिसाब से वास्तविक नंबर इससे कहीं कम है.
सूत्रों ने कहा कि बड़ी संख्या में घुसपैठ को नाकाम कर दिया गया है जबकि कई आतंकी सीधे मार दिए गए हैं या फिर पीछे हटने को मजबूर कर दिए गए हैं.
नियत्रंण रेखा (लाइन ऑफ कंट्रोल) सेना द्वारा संचालित की जाती है जिसने घुसपैठ रोधी ग्रिड स्थापित किए गए हैं.
सेना के सूत्रों ने बताया है कि पंजाब की अंतरराष्ट्रीय सीमा भी एक घुसपैठ का अड्डा है लेकिन सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि एमएसी के आंकड़े जम्मू और कश्मीर के हो सकते हैं किसी दूसरी सीमा के नहीं. सुरक्षा सूत्रों ने यह भी तर्क दिया कि एमएसी में सेना के प्रतिनिधि हैं और यह आंकड़ा विभिन्न् एजेंसियों द्वारा दी गई सूचना के आधार पर बताई जा रही है.
बालाकोट के बाद आई शांति
सुरक्षा सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि गर्मियों में घुसपैठ में काफी कमी थी, खासतौर पर पुलवामा आतंकी हमले और पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी कैंपों पर भारत द्वारा किए गए हवाई हमले के बाद.
सूत्र ने बताया कि घुसपैठ कमोबेश हर साल की तरह ही रही है.बालाकोट के बाद एक खामोशी थी, लेकिन जुलाई के बीच में इसने फिर से रफ्तार पकड़ी है.
सूत्र ने बताया कि पाकिस्तान सेना ने वैश्विक जांच के डर से वास्तव में बालाकोट के बाद शिविर बंद कर दिए थे. हालांकि, 5 अगस्त से पहले कश्मीर में सेना की अतिरिक्त तैनाती की खबर आते ही शिविरों को फिर से सक्रिय कर दिया गया था.
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दिप्रिंट ने अगस्त में खबर की थी कि पाकिस्तान किस तरह से अफगानिस्तान से घाटी में 100 से अधिक आतंकवादियों को लाने की योजना पर काम कर रहा है.
इंटेलिजेंस इनपुट्स (एमएसी नहीं) ने तब बताया था कि जम्मू-कश्मीर के उड़ी और तंगधार सेक्टरों के दूसरी तरफ, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की लीपा घाटी में एक आतंकवादी लॉन्च पैड पर अफगान मूल के लगभग एक दर्जन संभावित घुसपैठियों की पहचान की गई थी.
इसे 5 अगस्त के फैसले में पाकिस्तानी की गहरी प्रतिक्रिया के रूप में देखा गया था.
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