नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर एक बार फिर केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला बोला है. सोनिया गांधी ने आज विशेषतौर पर देश के नाम संबोधन किया.
सोनिया ने कहा कि भाजपा सरकार की विभाजनकारी एजेंडे और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ देशभर के विश्वविद्यालय व प्रमुख शिक्षण संस्थानों में स्वाभिक तरीके से विरोध प्रदर्शन हुए. लोकतंत्र में लोगों को सरकार के गलत फैसलों और नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने की और अपनी चिंताओं को व्यक्त करने का पूरा अधिकार है.
गांधी ने कहा, ‘इस प्रकार सरकार का भी कर्तव्य है वह नागरिकों की बात को सुने. और उनकी चिंताओं को दूर करे. दुख की बात यह है कि भाजपा की सरकार ने लोगों की बात को पूरी तरह से नजरअंदाज किया.’
‘यही नहीं उनकी असहमती की आवाज को कुचलने के लिए बर्बरता से ताकत का इस्तेमाल किया. लोकतंत्र में यह कतई स्वीकार नहीं है. कांग्रेस पार्टी सरकार की इन हरकतों की पूरजोर निंदा करती है. और न्याय की लड़ाई में भारतीय नागरिकों और अपने छात्रों के साथ एकजुट होकर खड़ी है.’
सोनिया ने आगे कहा, ‘नागरिकता संशोधन कानून भेदभाव पूर्ण है. नोटबंदी की तरह एक बार फिर एक एक व्यक्ति को अपनी व अपने पूर्वजों की नागरिता साबित करने के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ेगा.’
सोनिया गांधी ने कहा कि प्रस्तावित राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुुचाएंगा. लोगों को आशंकाए सही और जायज है.
कांग्रेस पार्टी भारत के लोगों को भरोसा दिलाती है कि वह उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए खड़े होने और हमारे संविधान के मूल्यों को बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबंध है.