नयी दिल्ली: दिल्ली में साल 2012 में निर्भया से सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड के वक्त पुलिस आयुक्त रहे नीरज कुमार ने कहा कि आरोपियों को मारने का ख्याल उनके दिमाग में कभी नहीं आया.
कुमार ने फोन पर बताया, ‘उस वक्त बहुत दबाव था, लेकिन उन्हें (आरोपियों को) मारने का ख्याल कभी नहीं आया.’
उन्होंने कहा, ‘लोग हमें संदेश भेजकर कह रहे थे कि आरोपियों को भूखे शेरों के सामने फेंक दो. लेकिन हमने कानून का पालन किया.’
कुमार ने निर्भया मामले को संभाला था.
निर्भया की मां ने राष्ट्रपति से दोषी की दया याचिका खारिज करने की अपील की
दिल्ली में दिसम्बर 2012 में सामूहिक बलात्कार की शिकार बनी 23 वर्षीय छात्रा निर्भया की मां ने शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अपील की कि मामले में दोषी ठहराए गए चार लोगों में से एक द्वारा दायर दया याचिका खारिज की जाए.
कोविंद को लिखे पत्र में कहा गया है कि दोषी विनय शर्मा की तरफ से दायर याचिका ‘मौत की सजा से बचने का जानबूझकर प्रयास है और इससे न्याय बाधित होगा.’
अपने वकील के मार्फत लिखे गए पत्र में कहा गया है, ‘तब से लगभग सात वर्ष बीत गए हैं. आवेदक (मां) की पीड़ा, दर्द असहनीय है और न्याय का इंतजार लंबा होता जा रहा है.’
दिल्ली की अदालत ने हाल में तिहाड़ जेल के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि चारों दोषियों को 13 दिसम्बर को पेश किया जाए ताकि वे अदालत को अपनी याचिकाओं की स्थिति से अवगत करा सकें.
अदालत पीड़िता के माता-पिता की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिन्होंने जेल अधिकारियों को दोषियों को फांसी देने की प्रक्रिया तेज करने का निर्देश देने की मांग की.
याचिका में कहा गया कि चूंकि दोषियों के पास कोई कानूनी रास्ता नहीं बचा है इसलिए निर्भया के माता-पिता ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2012 को 23 साल की छात्रा के साथ वीभत्स तरीके से सामूहिक बलात्कार किया गया था. पीड़िता ने बाद में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. पीड़िता के साथ इतनी क्रूरता बरती गई थी कि पूरा देश हिल गया था. इसके बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे.