बलात्कार के आरोपियों का हैदराबाद पुलिस द्वारा मुठभेड़ और सार्वजनिक ख़ुशी को अलग थलग कर नहीं देखना चाहिए. यह लिंचिंग और भीड़तंत्र के न्याय के आक्रोश के बाद हुआ. बलात्कार को लेकर राष्ट्रीय आक्रोश अच्छा है. लेकिन, इस प्रक्रिया पर निरंतर काम किए बिना गुस्सा भारत को अधिक नुकसान पहुंचा रहा है.