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Monday, 25 November, 2024
होमदेशप्यार, शादी और जातिवाद की उलझनों की कहानी है उन्नाव केस, प्रधान का परिवार है आरोपी

प्यार, शादी और जातिवाद की उलझनों की कहानी है उन्नाव केस, प्रधान का परिवार है आरोपी

बचपन में पीड़िता और आरोपी साथ खेलते थे. आरोपी से शादी करना चाहती थी पीड़िता लेकिन पिछले साल दोनों के बीच अनबन हो गई थी.

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उन्नाव: वह जल रही थी और गांव की उस टूटी फूटी सड़कों पर बदहवास दौड़ रही थी..वह खुद को बचाने के लिए सोए हुए गांव वालों से मदद मांग रही थी..अपने जलते शरीर के साथ वह एक किलोमीटर तक दौड़ती रही…उसका शरीर धू-धू कर जल रहा था. फिर उसे गांव में अपने घर के बाहर काम करता हुआ एक आदमी दिखाई दिया और वह वहीं थम गई..मदद मांगी..फोन मांगा..खुद ही 112 डायल कर पुलिस को बुलाया..जब तक पुलिस आती, उसे अस्पताल ले जाती वह 90 फीसदी तक जल चुकी थी..उन्नाव पीड़िता को जिसने भी धू-धू कर जलते हुए देखा उसका दिल मुंह को आ गया..दिप्रिंट उस पीड़िता के साथ क्या हुआ यह जानने के लिए उसके गांव हिंदू नगर पहुंचा.

लखनऊ से करीब 80 किलोमीटर दूर उन्नाव पिछले कुछ महीनों से खूब सूर्खियों में है. यूं तो उन्नाव स्थित माखी गांव और  हिंदू नगर की दूरी लगभग 65 किमी. है लेकिन इस जिले के इन दोनों गांव में हुए बलात्कार के मामले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया और राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियां भी बनीं. माखी में भाजपा के पूर्व नेता कुलदीप सेंगर पर रेप करने का आरोप इसी गांव की एक पीड़िता ने लगाया था. उन्नाव के हिंदू नगर में ही गुरुवार को रेप पीड़िता को जिंदा जलाने के मामले ने सबको हिलाकर रख दिया है. पीड़िता को फिलहाल एयरलिफ्ट कर दिल्ली ले जाया गया है. जहां सफदरजंग अस्पताल के स्किन एंड बर्न वार्ड में वह जिंदगी और मौत से लड़ रही है.

ग्राम प्रधान के परिवार पर आरोप

पीड़िता (23 वर्षीय) राय बरेली अपनी बुआ के पास जा रही थी, इसलिए वह गांव के नजदीक ही बैसवाड़ा रेलवे स्टेशन जा रही थी. अभी वह घर से कुछ दो-ढाई किलोमीटर ही पहुंची होगी कि गांव की प्रधान सावित्री देवी के बेटे शुभम त्रिवेदी (23) और उन्हीं के परिवार के ही शिवम त्रिवेदी ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर पीड़िता को पेट्रोल डाल कर जला दिया.

पीड़िता ने इस मामले में गांव की प्रधान सावित्री देवी के बेटे शुभम त्रिवेदी और उन्हीं के परिवार के ही शिवम त्रिवेदी पर उसे जलाने का आरोप लगाया है.  पीड़िता के भाई की तहरीर पर दोनों के खिलाफ धारा 307, 326 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया. दोनों पर जान से मारने, धमकी देने, चोट पहुंचाने और धमकाने के आरोप हैं.


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पीड़िता के भाई के मुताबिक सुबह चार बजे पीड़िता रायबरेली जाने के लिए घर से निकली तो उसे इन लोगों ने जला दिया. दरअसल पीड़िता ने आरोपी शिवम पर मार्च 2019 में शादी के झांसे में फंसाकर रेप का आरोप लगाया था. शिवम पिछले दिनों 3 दिसंबर को ही जमानत पर छूट कर आया है.

जलने के बाद काफी दूर पैदल चली पीड़िता

ग्रामीणों ने दिप्रिंट को बताया कि जलने के बाद भी पीड़िता घटनास्थल से एक किलोमीटर तक पैदल चलकर आई. इसके बाद उसने घर के बाहर काम कर रहे एक व्यक्ति से मदद मांगी. पीड़िता ने खुद ही 112 पर फोन किया और पुलिस से आपबीती बताई. पीड़िता के फोन के बाद थाना बिहार के इंचार्ज अजय कुमार त्रिपाठी पहुंचे और फिर उसे अस्पताल ले जाया गया.

बचपन से एक दूसरे को जानते थे पीड़िता और आरोपी

दोनों के परिवारों ने दिप्रिंट को बताया कि पीड़िता और आरोपी दोनों एक दूसरे को बचपन से जानते थे. आरोपी के परिवार ने बताया कि शिवम की पीड़िता से दोस्ती थी और दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते थे लेकिन पिछले साल दोनों में अनबन हो गई जिसके बाद पीड़िता ने शिवम और उसके चचेरे भाई शुभम पर रेप का आरोप लगा दिया. वहीं पीड़िता के भाई ने बताया कि दोनों की अनबन की वजह जातिवाद था. आरोपी ब्राह्मण परिवार से है वहीं पीड़िता का परिवार लोहार है. ऐसे में आरोपी शादी का झांसा देकर रेप करता रहा. जब उसने शादी से इंकार कर दिया तो पीड़िता ने उसके खिलाफ बीते मार्च के महीने में एफआईआर दर्ज करा दी.

4 मार्च को आरोपी के खिलाफ कराई गई एफआईआर में पीड़िता ने ये भी कहा था कि एक महीने तक अलग अलग शहरों में शिवम उसे ले जाता रहा. उसने जब आरोपी शिवम पर शादी का दबाव बनाया तो उसने नोटरी द्वारा 50 रुपए के स्टैंप पेपर पर मैरिज काॅन्ट्रैक्ट भी साइन किया लेकिन बाद में औपचारिक रूप से शादी करने से इनकार करने लगा और जान से मारने की धमकी भी दी.

पीड़िता के भाई ने दिप्रिंट को बताया कि पिछले कई दिनों से लगातार प्रधान के परिवार की ओर से केस वापस लेने की धमकी मिल रही थी. अब मौका देखकर उनकी बहन को जलाने की कोशिश की गई. वहीं आरोपी के परिवार ने पीड़िता पर सवाल उठाते हुए कहा कि दोनों आरोपी सुबह घर पर मौजूद थे. अगर जलाने में शामिल होते तो घर क्यों आते, वहीं से भाग जाते. इतनी सुबह पीड़िता अकेले ट्रेन पकड़ने क्यों जा रही थी, क्यों कोई उसके परिवार का साथ नहीं था.

पुलिस के मुताबिक, गंभीर रूप से झुलसी पीड़िता ने अपने बयान में दोनों आरोपियों का नाम लिया है. मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया. एसपी विक्रांत वीर के मुताबिक पीड़िता ने मार्च में दो लोगों के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें एक की गिरफ्तारी की गई थी. आज की घटना में पीड़िता ने पांच लोगों के नाम लिए जिनमें से तीन को घटना की सूचना मिलने के बाद गिरफ्तार किया जा चुका है. बाकी दो को बाद में गिरफ्तार किया गया. इस मामले में पुलिस ने शिवम, उसके पिता रामकिशोर, शुभम, हरिशंकर और उमेश बाजपेयी को गिरफ्तार किया.


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लखनऊ में सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी का कहना है कि पीड़िता 90 प्रतिशत जल चुकी है. इलाज के लिए अपनी पूरी टीम लगा रखी थी लेकिन बाद में हालत को देखते हुए एयरलिफ्ट का फैसला लिया गया. फिलहाल पीड़िता जिंदगी-मौत की जंग लड़ रही है ओर दोनों आरोपी जेल में हैं.

मुख्यमंत्री ने मांगी रिपोर्ट

दूसरी ओर, इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है. सीएम योगी ने शुक्रवार शाम तक यह रिपोर्ट मांगी है. साथ ही सीएम योगी ने यह आदेश भी दिया कि पीड़िता को सरकारी खर्च के लिए हर संभव मदद दी जाए. कमिश्नर और आईजी को घटनास्थल का मुआयना करने के लिए भेजा गया.

राज्य सरकार ने सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है. जिंदा जलाने की घटना सामने आने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट के जरिए राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि कल बीजेपी सरकार का बयान था कि यूपी में सब ठीक है. आज एक बयान और आया, लेकिन कानून व्यवस्था के बारे में झूठी बयानबाजी और झूठा प्रचार करने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री और यूपी सरकार की ही है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी यूपी पुलिस से मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी है.

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