मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शहर की आरे कालोनी में मेट्रो कार शेड (मेट्रो कोच रखरखाव स्थल) के निर्माण पर शुक्रवार को रोक लगाने की घोषणा की. पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने पिछले महीने यहां काम के लिये पेड़ काटे जाने के विरोध में प्रदर्शन किया था.
मुख्यमंत्री के तौर पर पदभार ग्रहण करने के ठीक बाद पत्रकारों से बात करते हुए ठाकरे ने कहा कि अगले फैसले तक पेड़ का एक पत्ता भी नहीं काटा जाएगा.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘मैं अप्रत्याशित रूप से सीएम बन गया. जब यह जिम्मेदारी मेरे पास आई, अगर मैं इससे दूर भाग गया होता, तो मुझे बालासाहेब ठाकरे का ‘नालायक’ पुत्र कहा जाता.’
Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray: I became CM unexpectedly. When this responsibility came to me, if I had run away from it, I would have been called Balasaheb Thackeray's 'nalayak' son. pic.twitter.com/zks1cXxVOq
— ANI (@ANI) November 29, 2019
आदित्य ठाकरे ने कार शेड प्रोजेक्ट पर एएनआई से आरे कालोनी के मुद्दे पर कहा, ‘मुंबई के सभी लोग इस फैसले से खुश हैं. विकास कार्य जारी रहेंगे लेकिन पर्यावरण को हो रहे नुकसान को रोका जाएगा.’
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि मैं पहला मुख्यमंत्री हूं जो मुंबई में पैदा हुआ हूं. यह मेरे दिमाग में चल रहा है कि मैं शहर के लिए क्या कर सकता हूं.’
उन्होंने कहा, ‘मैंने आज आरे मेट्रो कार शेड परियोजना के काम को रोकने का आदेश दिया है. मेट्रो का काम नहीं रुकेगा लेकिन अगले फैसले तक आरे का एक भी पत्ता नहीं काटा जाएगा.
मैं पहली बार मंत्रालय (राज्य सचिवालय) में हूं. मैंने सिर्फ सचिवों के साथ बैठक की और हमने एक-दूसरे को परिचय दिया. मैंने उन्हें करदाताओं के पैसे का सबसे अच्छे तरीके से उपयोग करने के लिए कहा और यह सब बर्बाद नहीं होना चाहिए.
Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray: I'm in mantralaya (state secretariat) for the first time. I just had a meeting with the secretaries and we introduced each other. I told them to use taxpayers money in the best way, and that it should not be wasted. pic.twitter.com/8zteKv3le4
— ANI (@ANI) November 29, 2019
बता दें, उच्चतम न्यायालय की एक पीठ ने पिछले महीने आरे कालोनी इलाके में पौधरोपण, प्रतिरोपण और पेड़ों के गिराए जाने की तस्वीरों के साथ एक रिपोर्ट तलब की थी.
बंबई उच्च न्यायालय ने चार अक्टूबर के अपने आदेश में आरे कालोनी को वन घोषित करने से इनकार करते हुए हरित क्षेत्र में मेट्रो कार शेड बनाने के लिये 2600 से ज्यादा पेड़ों को काटने के नगर निगम के फैसले को रद्द करने से भी इनकार कर दिया था.
( समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ )