सिक्किम की झील में आई बाढ़ से समझ में आता है कि ऐसे क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और बुनियादी ढांचे के विकास दोनों की तत्काल समीक्षा होनी चाहिए. ग्लोबल वार्मिंग के बारे में भारत अकेला कुछ नहीं कर सकता, लेकिन ग्लेशियर अपवाह से बिजली पैदा करने वाले बांधों की जांच-परख और जोखिमों का आकलन करना ज़रूरी है.