रूस के स्पुतनिक वी वैक्सीन का 1 मई में भारत आने के बाद से ही कसौली के सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी में अटका पड़ा रहना और इस बात की स्प्ष्टता न होना कि इसे कब तक प्रयोग किया जा सकेगा, अपमानजनक है. स्वास्थ्य और नियामक नौकरशाही को एक साथ काम करने और प्रक्रिया को तेज़ करने की ज़रूरत है. हमेशा की तरह वाले रवैये ने पहले ही काफी नुकसान पहुंचाया है.
होम50 शब्दों में मतरूस की वैक्सीन का 1 मई से बिना प्रयोग पड़े रहना दुखद है, इस धीमेपन ने काफी लोगों की जान ले ली
रूस की वैक्सीन का 1 मई से बिना प्रयोग पड़े रहना दुखद है, इस धीमेपन ने काफी लोगों की जान ले ली
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