पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह द्वारा मोटेंक सिंह अहलूवालिया के नेतृत्व में बनाई कमिटी ने एग्री-मार्केटिंग सुधारों और कांटेक्ट फार्मिंग की सिफारिश की है जो केंद्र के कृषि कानूनों पर कांग्रेस के विरोध की अतार्किकता को उजागर करता है. अगर यूपीए की योजना पंजाब के लिए ठीक हो सकती है तो वो देश के लिए बुरी साबित नहीं हो सकती. कांग्रेस को इस दोहरेपन से दूर रहना चाहिए और किसानों के प्रदर्शन को हवा देने से बचना चाहिए.