पिछले दो सालों से दो हज़ार के नोट का न छपना सही है. नोटबंदी के बाद ये बहुत बड़ी वित्तीय और नीतिगत भूल थी. मोदी सरकार को फिर से एक हज़ार के नोट को चलन में लाना चाहिए ताकि कैश सुनिश्चित करने में कोई परेशानी न हो क्योंकि नकद रुपयों को कभी खत्म नहीं किया जा सकता.