मोदी सरकार की सोशल मीडिया के नियामन की योजना है क्योंकि उसका मानना है कि यह लोकतंत्र में अविश्वस्नीय विघटन पैदा कर रहा है और देश की संप्रभुता और सुरक्षा को खतरा है. पर ये 21वीं सदी में इंटरनेट पर आधारित संचार व्यवस्था के मूल सिद्धांत के विरुद्ध काम कर रहा है. फेक न्यूज़ से लड़ना और अफवाह से निपटने को देश के नागरिकों पर नज़र रखने का बहाना नहीं बनाया जाना चाहिए.