महाराष्ट्र की एमवीए सरकार एक ऐसे संकट की ओर है जिसके होने का इंतजार था. बेदम नेतृत्व, साधारण शासन, वैचारिक और राजनीतिक अंतर्विरोध, शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन शुरू से ही अस्थिर नींव पर खड़ा था. सीएम ठाकरे न तो सैनिकों (अपनी पार्टी के नेताओं को) को खुश रख सके और न ही सहयोगियों को. स्वाभाविक है कि लूटपाट करने वाली भाजपा फायदा उठाने की कोशिश करेगी.