कोटा को मेरिट से अलग करने के अपने ऐतिहासिक फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट की सराहना की जानी चाहिए. मेरिट को सामाजिक तौर पर प्रासंगिक बनाने की अपील का इससे अच्छा समय नहीं हो सकता था, यह देखते हुए कि महामारी ने सीखने के लिए नये फॉल्टलाइन्स पैदा कर दिए हैं. यह प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर सारे प्रचारों को भी खारिज कर देता है. अभी के लिए आरक्षण को लेकर बहस सुलझ जानी चाहिए.