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Saturday, 4 May, 2024
होम50 शब्दों में मतप्रवासी मजदूरों या अर्थव्यवस्था को लेकर भारत 2020 के दोहराये जाने को नहीं झेल सकता

प्रवासी मजदूरों या अर्थव्यवस्था को लेकर भारत 2020 के दोहराये जाने को नहीं झेल सकता

दिप्रिंट का महत्वपूर्ण मामलों पर सबसे तेज नज़रिया.

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ताजा लॉकडाउन और कर्फ्यू के कारण शहरों से घर लौटने को लेकर चिंतित हो रहे प्रवासी श्रमिकों की रिपोर्ट, और आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की नई व्यवधानों के बारे में चेतावनी, अशुभ है. दुखद 2020 पलायन से सीखे गए कठोर सबक को केंद्र और राज्यों को नहीं भूलना चाहिए. भारत प्रवासी श्रमिक या अर्थव्यवस्था को लेकर हालात के रिपीट होने को नहीं झेल सकता.

SC में ज्यादा महिला जजों की नियुक्ति की मांग वाली याचिका बताती है कि भारत को संरचनागत लिंगवाद पर ध्यान देने की जरूरत है

एक याचिका में सुप्रीम कोर्ट में अधिक महिलाओं को जजों के रूप में नियुक्त की मांग की गई है, जो बहुत जल्द पूरी नहीं होने वाली. आजादी के बाद से SC में 247 जजों में से केवल आठ महिलाएं हैं. उच्च न्यायालयों में आज की तारीख में केवल 11 प्रतिशत हैं. यह खराब प्रतिनिधित्व महज चूक बस नहीं हो सकता. संरचनागत सेक्सिज्म (लिंगवाद) पर तत्काल ध्यान देना होगा.

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