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Saturday, 16 November, 2024
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ज्ञानवापी मस्जिद की जांच का आदेश ठीक नहीं, इससे BJP के ध्रुवीकरण की राजनीति की वापसी होगी

दिप्रिंट का 50 शब्दों में सबसे तेज़ नज़रिया

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अदालत द्वारा काशी की ज्ञानावापी मस्जिद की अनिवार्य पुरातत्व सर्वेक्षण के आदेश से भाजपा को भारत के मध्यकालीन इतिहास को लेकर ध्रुवीकरण की राजनीति की वापसी करने का और इसके घावों को भरने का वादा करने का मौका मिलेगा. यह गैर-ज़िम्मेदाराना है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने पूजा स्थल अधिनियम 1991 का मूल तत्व संविधान के बुनियादी ढांचे में माना है.

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2 टिप्पणी

  1. We should look forward, because our past have some dirty thing which will hurt both country and its people. History has done more harm to our country then providing some insight of our past.

  2. यह पूर्वाग्रह और दुराग्रह से भरा नजरिया है। क्या अदालत के फैसले से आप नाराज हैं। सच्चाई को सामने लाने में आपको क्या तकलीफ है। क्या हिंदुओं के लिए आने वाली सच्चाई से ही आपको तकलीफ होती है।

    एक बड़े पोर्टल के नाते आपका नजरिया तो यह होना चाहिए था कि सच्चाई को सामने लाने में हर्ज ही क्या है। अयोध्या की सच्चाई भी अदालतों से ही सामने आई है।
    मगर आप लोगों का एक तरफा रवैया ही भारतीय समाज को परेशान करता रहा है।

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