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Friday, 22 November, 2024
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शिवराज के समझाने के बाद भी, साध्वी प्रज्ञा हैं कि मानती नहीं

साध्वी के बयानों से पार्टी बैकफुट पर है. कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह चुनाव प्रचार में बहुत आगे ​निकल गए है. वे एक दौर का चुनाव अभियान निपटा चुके है.

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नई दिल्ली: भोपाल से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बयान आए दिन चर्चा का विषय बनी हुई हैं. अपने प्रचार के दौरान जो बातें साध्वी कह रही हैं उससे वो काफी सुर्खियां बटोर रही हैं. उनकी इस बेतुकी बयानबाजी से पार्टी और संगठन की चिंता बढ़ती जा रही है. साध्वी के भाषणों से बढ़ती बैचेनी के चलते पार्टी ने उन्हें समझाने का जिम्मा बड़े नेताओं को सौंपा है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यसभा से पार्टी के सांसद प्रभात झा समेत कई नेताओं को साध्वी को समझाने में जुटे हैं. हालांकि संगठन और नेताओं के समझाने के बाद भी साध्वी प्रज्ञा हैं कि मानने का नाम नहीं ले रही हैं.

वहीं साध्वी द्वारा दिये जा रहे बयानों का भाजपा में ही विरोध शुरू हो गया है.

प्रज्ञा के इन बयानों से नाराज विधानसभा चुनाव में भोपाल उत्तर सीट से भाजपा की प्रत्याशी रही फातिमा रसूल सिद्दीकी ने कहा, ‘मैं साध्वी का प्रचार करने नहीं जाऊंगी. मैं भाजपा में साध्वी प्रज्ञा जैसे लोगों के लिए नहीं आई हूं और न ही मैं हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करना चाहती हूं.’ वहीं फातिमा ने ‘प्रज्ञा से मुस्लिमों से माफी मांगने को कहा है, उन्होंने कहा कि यदि साध्वी मुस्लिमों से माफी मांगती हैं तो वे उनके लिए चुनाव प्रचार करने जाएंगी.’ साथ ही उन्होंने कहा कि ‘मैं भगवा का आदर करती हूं, लेकिन क्या वो हिजाब की इज्ज़त करती हैं.’

विकास, मोदी और सॉफ्ट हिंदुत्व के आसपास ही रहें प्रज्ञा

लगातार साध्वी के आ रहे बयानों से पार्टी के नेताओं की पेशानी पर बल आ गए हैं. पार्टी आलाकमान ने साध्वी प्रज्ञा को विवादित बातों से बचने की सलाह भी दी है. सूत्रों के अनुसार पार्टी के वरिष्ठ नेता सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यसभा सांसद प्रभात झा ने इस मामले में साध्वी से मुलाकात कर उन्हें समझाया है कि वह अपनी बातें विकास और सॉफ्ट हिंदू तक ही सिमित रखें. हर जनसभा में पीएम मोदी का नाम भी भुनाएं. साध्वी के बयानों से खड़ी होती मुसीबतों को देखते हुए हाल ही में पार्टी ने भोपाल लोकसभा क्षेत्र के लिए हितेश वाजपेयी को मीडिया प्रभारी भी नियुक्त किया है. वाजपेयी पूर्व में प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी भी रहे चुके हैं.

वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह भोपाल में अपने एक दौर का चुनाव अभियान निपटा चुके हैं. वह प्रज्ञा ठाकुर के बयानों पर कोई ​टिप्पणी भी करना उचित नहीं समझते हैं. वे जनता के ​बीच भोपाल के विकास को लेकर मैदान में जा रहे हैं.


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भोपाल से उम्मीदवारी तय होने के कुछ दिनों बाद ही साध्वी ने मालेगांव बम ब्लास्ट के सवाल के जवाब में साध्वी ने कहा कि ‘उस समय एटीएस प्रमुख रहे हेमंत करकरे ने मुझे यातनाएं और गालियां दी. ये मेरे लिए असहनीय था. मैंने कहा था तेरा सर्वनाश होगा और ठीक सवा महीने के भीतर करकरे आतंकी हमले में शिकार हुए और मारे गए.

साध्वी ने यह भी कहा कि जब किसी के यहां मृत्यु या जन्म होता है तो सूतक लगता है. जिस दिन मैंने उसे श्राप दिया था  उस दिन इसके सूतक लग गया था. ठीक सवाल महीने में जिसे दिन करकरे को आंतकवादियों ने मारा उस सूतक का अंत हो गया.’

इस बयान पर मचे हंगामे के बाद साध्वी विपक्षीयों के निशाने पर आ गई थीं और भाजपा ने उनके इस बयान से पल्ला झाड़ लिया था और वह बैकफुट पर आ गई थी. चौतरफा किरकिरी होती देख साध्वी ने बयान को वापस लेते हुए कहा कि ‘यह उनकी निजी पीड़ा थी जो उन्होंने बोली. इस बयान के कारण देश के अंदर और बाहर दुश्मन खुश हो रहे हैं. मैं अपना बयान वापस लेती हूं. देश के दुश्मनों को खुश नहीं होने दे सकती’.

इसी के कुछ दिनों बाद ही साध्वी ने एक टीवी चैनल से चर्चा के दौरान दूसरा बयान दे दिया जिसके बाद वह एक बार और फंसी. उन्होंने कहा कि ‘बाबरी मस्जिद ढांचा गिराने का अफसोस नहीं है, ढांचा गिराने पर हम गर्व करते हैं. हमारे प्रभु रामजी के मंदिर पर अपशिष्ठ पदार्थ थे, उनकों हमने हटा दिया’. साध्वी इस विवादित बयान के बाद चुनाव आयोग आचार संहिता के उल्लंघन का नोटिस देकर साध्वी से जवाब मांगा था. जवाब से असंतुष्ट कलेक्टर ने साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर दी है. साध्वी प्रज्ञा के बयान पर कार्रवाई का फैसला केंद्रीय चुनाव आयोग करेगा.

गुरुवार को साध्वी ने दिग्विजय ​सिंह के खिलाफ एक और बयान देकर मुसीबत खड़ी की,  ठाकुर ने सिंह पर हमला करते हुए कहा कि `राज्य में 16 साल पहले उमा दीदी ने हराया था और वह 16 साल से मुंह नहीं उठा पाया और राजनीति कर लेता इसकी कोशिश नहीं कर पाया. अब फिर से सिर उठा है तो दूसरी संन्यासी सामने आ गई है जो उसके कर्मो का प्रत्यक्ष प्रमाण है.’ साध्वी ने कहा कि एक बार फिर ऐसे आतंकी का समापन करने के लिए संन्यासी को खड़ा होना पड़ा है. कल से जब से उन्होंने दिग्विजय सिंह को आतंकी कहा है तभी से उनकी एक बार फिर से आलोचना हो रही थी.

प्रज्ञा ठाकुर ने अपने बयान पर उपजे विवाद के बाद एक बार फिर यू-टर्न ले लिया है. बगैर नाम लिए दिग्विजय सिंह को आतंकी बताए जाने वाले बयान पर प्रज्ञा ठाकुर ने सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने दिग्विजय को आतंकी नहीं कहा.

साध्वी प्रज्ञा से शुक्रवार को पत्रकारों ने पूछा कि आपने दिग्विजय सिंह के लिए कहा था कि वह आतंकी हैं? इस पर प्रज्ञा ने कहा, ‘मैंने नहीं कहा आतंकी, वह कह सकते हैं. उन्होंने कहा है, हमने नहीं कहा.’


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शहीद करकरे के जूनियर भी साध्वी के खिलाफ मैदान में

मुंबई पुलिस में शहीद हेमंत करकरे के जूनियर रहे रियाजुद्दीन देशमुख ने भोपाल लोकसभा सीट पर प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ निर्दलीय नामांकन भरा है. रियाजुद्दीन प्रज्ञा के विवादित बयानों को लेकर बहुत आहत हैं. इसी वजह से उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

 

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