नई दिल्ली: ओडिशा के पुरी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम लग गया है. पार्टी ने यहां से प्रवक्ता संबित पात्रा पर भरोसा जताया है. संगठन ने सभी समीकरणों को ध्यान में रखकर उन्हें मैदान में उतारा है. टिकट मिलने के बाद उन्होंने ट्वीट कर पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया है.
उन्होंने लिखा है, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष सहित सभी केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्यों को धन्यवाद देता हूं. जिन्होंने मेरे जैसे एक छोटे से कार्यकर्ता पर भरोसा जताकर भगवान जगन्नाथ की भूमि से टिकट दिया है. जय जगन्नाथ.’ केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू सहित कई भाजपा नेताओं ने संबित पात्रा के पुरी से उम्मीदवार बनाए जाने पर बधाई दी है.
I thank Honourable PM Sh @narendramodi Ji & @BJP4India President Sh @AmitShah ji & All the respected CEC members for reposing faith on a small Karyakarta as me to make me contest from the abode of Lord Jaganath – PURI#PhirEkBaarModiSarkar
जय जगन्नाथ? pic.twitter.com/k22aQNgxmb— Chowkidar Sambit Patra (@sambitswaraj) March 23, 2019
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ओडिशा राज्य से ही आते हैं. पुरी सीट से वह चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं. उस सीट के जातीय समीकरण भी पात्रा के पक्ष में दिखाई दे रहा है. वे खुद ब्राहृाण हैं. पुरी सीट ब्राहृाण बाहुल्य है. ये हमेशा निर्णायक की भूमिका निभाते रहे हैं. इसलिए पार्टी ने दूसरे किसी अन्य उम्मीदवार को टिकट देने के बजाए पात्रा पर दांव खेलना उचित समझा.
जब से केंद्र में भाजपा की सरकार आई है तब से हर बीतते दिनों के साथ संबित पात्रा को जानने वालों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है. यह एक बड़ी वजह है और पार्टी इस बात को लेकर आश्वस्त है कि पात्रा किसी पहचान के मोहताज नहीं है. इसके अलावा पार्टी के पास ऐसा कोई चर्चित चेहरा नहीं था, जो इस सीट पर कांटे की टक्कर दे पाए.
कांटों भरी है पुरी की राह
संबित पात्रा को पुरी लोकसभा सीट से मैदान में उतारा गया है. इस लोकसभा सीट पर 1952 से लेकर अब तक बीजू जनता दल, कांग्रेस व अन्य दलों का ही कब्जा रहा है. भाजपा ने एक बार भी इस सीट पर जीत हासिल नहीं की है. अभी यहां से बीजेडी के पिनाकी मिश्रा सांसद हैं. वैसे भी नवीन पटनायक के गढ़ ओडिशा में भाजपा हमेशा से कमजोर रही है. लिहाजा इसी सीट की लड़ाई संबित पात्रा के लिए खुद को फिर से साबित करने की लड़ाई से कम नहीं होगी. वहीं लोकसभा चुनाव के अलावा पार्टी के नजर विधानसभा चुनाव पर भी है, ताकि वह अपनी स्थिति पहले की तुलना में और मजबूत कर सके.
एक चुनाव हारे, जेटली की नजर में आकर बने राष्ट्रीय प्रवक्ता
डॉ. पात्रा ने संबलपुर के बुर्ला वीएसएस मेडिकल कॉलेज और हास्पिटल से एमबीबीएस की डिग्री लेने के बाद कटक के उत्कल यूनिवर्सिटी के एससीबी मेडिकल कॉलेज से मास्टर ऑफ सर्जरी किया. डॉक्टर से टीवी प्रवक्ता बनने की यात्रा में पात्रा ने दिल्ली के चांदनी चौक और मलकागंज इलाके में होने वाली भाजपा की मीटिंग में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने लगे.
इससे विजय गोयल और डॉ हर्षवर्धन से उनकी नजदीकियां बढ़ने लगीं. साल 2011 में हिंदू राव हॉस्पिटल के डॉक्टर पात्रा दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता बन चुके थे. एक साल के भीतर ही उन्हें भाजपा ने कश्मीरी गेट वार्ड से नगर निगम के चुनाव के लिए पार्टी का उम्मीदवार बना दिया. पात्रा भी पूरे दमखम के साथ जुट गए और वहां रहने वाले स्थानीय नागरिकों को भरोसा दिलाया कि वो क्षेत्र के लोगों का नाली और नाड़ी दुरुस्त कर देंगे. उन दिनों गले में स्टेथोस्कोप लेकर चलने वाले पात्रा केवल विकास की बातें करते थे.
पात्रा कश्मीरी गेट नगर निगम का चुनाव बुरी तरह हार गए. लेकिन तब तक वो केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की नजरों में आ चुके थे. जेटली ने पात्रा को 2014 में पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बना दिया. इसके बाद से वे टीवी डिबेट पर लगातार दिखने लगे और उनकी पहचान राष्ट्र पटल पर स्थापित हो गई.